ए जावेद
वाराणसी : घोसी से बसपा के टिकट पर चुनाव जीतने वाले अतुल राय तकनीकी तौर पर अभी सांसद नहीं बने हैं। वजह, पूरे चुनाव के दौरान वह दुष्कर्म के मामले का आरोपित होने के चलते फरार रहे। परिणाम निकलने के काफी दिनों के बाद कोर्ट में आत्मसमर्पण किया तो जेल की सलाखों के पीछे पहुंच गये। अतुल राय ने भले सांसद के रूप में शपथ नहीं ली लेकिन जीत का प्रमाणपत्र उनके प्रतिनिधि को दिया गया है। इसी तकनीकी पेंच के चलते उनके मामले अब एमपी-एमएलए की स्पेशल कोर्ट को रेफर किये जा रहे हैं। दुष्कर्म के जिस मामले में वह जेल की सलाखों के पीछे हैं उसमें जमानत के लिए अर्जी दी गयी है। कोर्ट ने सुनवाई के लिए दो सितंबर की तिथि नियत की है।
गौरतलब है कि बसपा प्रत्याशी के रूप में नामांकन दाखिल करने के बाद अतुल राय के खिलाफ यूपी कालेज की एक पूर्व छात्रा ने मुकदमा कायम कराया था। डीजीपी के आदेश पर दर्ज हुए मुकदमे में पीड़िता की तरफ से आरोप का कि अपने फ्लैट पर बुला कर अतुल राय ने उसका यौन शोषण किया। चुनाव के समय ही अतुल राय ने राहत पाने के लिए हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक का दरवाजा खटखटाया था लेकिन आरोपों की गंभीरता को देखते हुए कोर्ट ने हस्तक्षेप नहीं किया। अब निचली अदालत में आत्मसमर्पण करने के बाद अतुल उसी तरह से जमानत की अर्जी लगा रहे हैं।
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