आफ़ताब फारुकी
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के उन्नाव में रेप कांड की पीड़िता के साथ हुए एक्सीडेंट का सीबीआई रिक्रिएशन करवा रही है। ट्रक के मालिक से भी पूछताछ जारी है, मगर घटना में इस दौरान एक नया खुलासा हुआ है। घटना के बाद ट्रक मालिक ने कहा था कि ट्रक की ईएमआई (किश्त) जमा नहीं की गई थी इसलिए रिकवरी एजेंट से बचने के लिए नंबर प्लेट को काले रंग से पोत दिया गया था।
इस सम्बन्ध में बड़ा खुलासा ये हुआ है कि ट्रक मालिक के इस दावे को फाइनेंस कंपनी ने खारिज कर दिया है। न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत में कंपनी के एजेंट ने कहा है कि किसी के ऊपर भी समय से ईएमआई जमा करने का दबाव नहीं है। ट्रक ने मालिक ने एक बार जमा नहीं किया था लेकिन बाद में उसने दे दिया था। हमारे ओर से कोई दबाव नहीं है’।
उसने आगे बताया कि ट्रक मालिक ने इससे पहले यहीं से कार भी फाइनेंस करवाई है। उसको भी एनओसी मिली है। इस समय हम दो मोटरसाइकिलों का भी फाइनेंस कर रहे हैं। वहीं सवाल इस बात का है कि नंबरप्लेट पुते इस ट्रक को पुलिस ने क्यों नहीं रोका।
गौरतलब है कि उन्नाव रेप पीड़िता की कार को एक ट्रक ने टक्कर मार दी थी। पीड़िता अपने चाचा से मिलकर वापस मिलकर आ रही थी। इस घटना में उसकी मौसी और चाची की मौत हो गई थी जबकि पीड़िता और उसका वकील गंभीर रूप से घायल हो गये थे। इस घटना के पीछे परिजनों ने रेप के आरोप में जेल में बंद कुलदीप सिंह सेंगर का हाथ बताया था। उनका कहना है कि कुलदीप सिंह सेंगर जेल के अंदर से उन पर समझौते का दबाव डाल रहा था और धमकी दी थी कि अगर बात नहीं मानी तो जान से मार दिया जाएगा।
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