आदिल अहमद
नई दिल्ली : भाई बहनों के रिश्ते को एक रेशम की डोर से बांधने वाला रक्षाबंधन सिर्फ त्योहार ही नहीं है, बल्कि एक ऐसी भावना है जो रेशम की कच्ची डोरी के जरिए भाई-बहन के प्यार को हमेशा-हमेशा के लिए संजोकर रखती है। रक्षा बंधन का त्योहार हिन्दू धर्म के बड़े त्योहारों में से एक है, जिसे देश भर में धूमधाम और पूरे हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है।
कब बांधना चाहिये राखी
मान्यताओं के अनुसार रक्षाबंधन के दिन अपराह्न यानी कि दोपहर में राखी बांधनी चाहिए। अगर अपराह्न का समय उपलब्ध न हो तो प्रदोष काल में राखी बांधना उचित रहता है। कहा जाता है कि भद्र काल में बहनें अपने भाइयों को राखी नहीं बांधती हैं। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, रावण की बहन ने भद्र काल में उसे रक्षा सूत्र बांधा था, जिससे रावण का सर्वनाश हो गया था। इस बार राखी बांधने का मुहूर्त काफी अच्छा है। बहनें सूर्यास्त से पूर्व तक भाइयों को राखी बांध सकती हैं
राखी बांधने का समय:
15 अगस्त 2019 को सुबह 10 बजकर 22 मिनट से रात 08 बजकर 08 मिनट तक
अपराह्न मुहूर्त:
15 अगस्त 2019 को दोपहर 01 बजकर 06 मिनट से दोपहर 03 बजकर 20 मिनट तक
प्रदोष काल में राखी बांधने का मुहूर्त:
15 अगस्त 2019 को शाम 05 बजकर 35 मिनट से रात 08 बजकर 08 मिनट तक
राखी बांधने की पूजा विधि
रक्षाबंधन के दिन बहनें अपने भाई की कलाई पर राखी बांधकर उनकी लंबी उम्र, संपन्नता और खुशहाली की कामना करती हैं। वहीं भाई अपनी बहन को कपड़े, गहने, पैसे, तोहफे या कोई भी भेंट देकर उनकी रक्षा का वचन देते हैं। रक्षाबंधन के दिन अपने भाई को इस तरह राखी बांधें:
ॐ येन बद्धो बली राजा दानवेन्द्रो महाबलः।
तेन त्वामपि बध्नामि रक्षे मा चल मा चल।।
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