संजय ठाकुर
मऊ. कहा जाता है सरकारी नौकरी में सरकार इतने पैसे देती है कर्मचारियों को कि वह एक अच्छी ज़िन्दगी जी सके। इसके बाद भी आपने सरकारी कर्मचारियों को घूसखोरी तो कई बार सुना होगा, मगर पहली बार इस प्रकार का मामला सामने आया है कि स्टोनो जैसे ज़िम्मेदार और कमासुत पद पर बैठा कोई कर्मचारी धोखाधड़ी करके पैसे हड़प ले।जी सही पढ़ा आपने धोखाधड़ी और स्टोनो सुनकर आपको अटपटा लग रहा होगा मगर हुआ कुछ ऐसा ही है।
मामला मऊ जनपद के मधुबन से जुडा है। यहाँ के ग्राम जजौली निवासी दयानंद तिवारी का आरोप है कि उन्होंने अपनी बन्दुक के रिनिवल हेतु टेज़री जमा करना था। इस सम्बन्ध में एसडीएम मधुबन के स्टोनो ने कहा कि आप पैसा हमको दे दो हम इसको जमा करवा देंगे। दयानंद तिवारी का आरोप है कि उन्होंने ट्रेज़री के 2300 रुपयों के अतिरिक्त 50 रुपया खर्च किराय भाड़े का अलग से स्टोनो बाबू को दे दिया। दुसरे दिन स्टोनो बाबु ने चालान की प्रति दयानंद को थमा दिया। चालान की प्रति पर शक होने से दयानंद ने इस सम्बन्ध में सम्बंधित बैक से प्रार्थना पत्र लिख कर उसकी पड़ताल किया तो बैंक ने बताया कि उक्त रकम जमा ही नही हुई है और न ही यह चालान पर उनके बैंक की मुहर और दस्तखत है।
प्रकरण संज्ञान में आने के बाद पीड़ित पक्ष ने तहसील में हंगामा कर डाला। इस मामले की जानकारी एसडीएम मधुबन को दिया गया। मौके पर सम्बंधित थाने की फ़ोर्स भी पहुच चुकी है। प्रकरण में जब हमने एसडीएम मधुबन से बात किया तो उन्होंने कहा कि प्रकरण संज्ञान में आया है मगर अभी तक लिखित शिकायत नही मिली है। शिकायत मिलते ही हम कड़ी कार्यवाही करेगे। जनता के साथ इस प्रकार का धोखा कतई बर्दाश्त नही किया जायेगा।
वही मामले में जब सम्बंधित स्टोनो बाबु से पूछा गया तो वह कोई भी जवाब न देकर केवल मौन व्रत लिए बैठे रहे और कुछ बोले ही नहीं। कई खबरनवीस लगातार उनसे इस समबन्ध में सवाल पूछते रहे मगर स्टोनो बाबु नही बोलना था तो नही बोले। वही क्षेत्र में और तहसील परिसर में इस बात की चर्चा जोरो पर थी कि एक प्रकरण पकड़ में आ गया है। मगर ऐसे कई काण्ड स्टोनो बाबू ने करके लाखो का घोटाला किया होगा। मामले में समाचार लिखे जाने तक पीड़ित ने कोई लिखित तहरीर नही दिया था। मौके पर सरगर्मिया बरक़रार रही।