आफताब फारुकी
नई दिल्ली: तीन तलाक़ मुद्दे को लेकर चल रहे रार के बीच आज तीन तलाक कानून को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है। कानून को राष्ट्रपति से मंजूरी मिलने के बाद सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है। समस्था केरला जमीथुल उलेमा) ने यह याचिका दाखिल की है। याचिका में तीन तलाक को रद्द करने की मांग की गई है। याचिका में कहा गया है कि कानून से मौलिक अधिकारों का हनन हो रहा है।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 31 जुलाई को तीन तलाक बिल को मंजूरी दे दी जिसके साथ ही तीन तलाक कानून अस्तित्व में आ गया है। यह कानून 19 सितंबर 2018 से लागू माना जाएगा। तीन तलाक बिल संसद के दोनों सदनों से पहले ही पास हो चुका है। मोदी सरकार ने इस बिल को 25 जुलाई को लोकसभा में और 30 जुलाई को राज्यसभा में पास करवाया था। बिल के कानून बनने के बाद 19 सितंबर 2018 के बाद जितने भी मामले तीन तलाक से संबंधित आए हैं, उन सभी का निपटारा इसी कानून के तहत किया जाएगा।
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