संजय ठाकुर
दिल्ली इंडो जर्मन तकनीकी सहयोग के तहत GIZ के साथ मिलकर भारत सरकार के अंतर्गत आने वाले विद्युत मंत्रालय के ऊर्जा दक्षता ब्यूरो ने भवन निर्माण क्षेत्र में ऊर्जा संरक्षण के लिए अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन ‘आंगन’ का आयोजन किया है। 3 दिनों तक चलने वाले कांफ्रेंस में 16 देशों के स्पीकर, प्रतिनिधि, विशेषज्ञ और नीति निर्माता भाग ले रहे हैं। इस कांफ्रेंस में केंद्र और राज्यों के स्थानीय अधिकारियों के साथ-साथ टेक्नोलॉजी प्रोवाइडर्स, विशेषज्ञ, आर्किटेक्टस और विश्वविद्यालय के छात्रों को आमंत्रित किया गया है।
डॉ.अजय माथुर (महानिदेशक, ऊर्जा और अनुसंधान संस्थान), श्री सोनम वांगचुक (संस्थापक- निदेशक, सेकमॉल), प्रो. देव प्रसाद (सीआई और सीईओ सीआरसीएल, सिडनी) और दुनिया के विभिन्न हिस्सों के प्रतिष्ठित विशेषज्ञ समावेशित, अंतर्राष्ट्रीय सहयोग और शिक्षा के संदर्भ में स्थिरता के पहलुओं पर इस कांफ्रेंस के माध्यम से विचार-विमर्श करने के लिए एकत्रित हुए। ऊर्जा संरक्षण के लिए काम करने वाली कई कंपनियों ने समानांतर सत्रों के माध्यम से भवनों में ऊर्जा दक्षता के लिए इन्सुलेशन, एएसी ब्लॉक, ग्लास विंडो, फेनेस्ट्रेशन शूटिंग के क्षेत्र में प्रौद्योगिकियों का प्रदर्शन भी किया।
यह अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन बेहतर तकनीकों से ऊर्जा संरक्षण के लिए संगठनों को आपस में चर्चा करने के लिए एक मंच प्रदान करेगा। उपभोक्ताओं को उचित कीमत में पर्याप्त ऊर्जा उपलब्ध कराने की चुनौती के कारण, बड़े-बड़े बिल्डिंग, होटल्स, हॉस्पिटल जैसे उच्च ऊर्जा खपत क्षेत्रों में उर्जा संरक्षण कि हमारी नीति महत्वपूर्ण हो गयी है। ऊर्जा के संरक्षण के लिए जरूरी नवीन तकनीक और कुशल उपकरणों के बारे में जागरूकता की कमी, हमें यह बताता कि है हमने अभी तक उर्जा संरक्षण के लिए प्रयास नहीं किये है, इसलिए हमें इस ओर अधिक से अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है। इस आयोजन का उद्देश्य ऊर्जा संरक्षण पर जोर देना है ताकि आमलोगों के सामने आने वाली चुनौतियों का सामना करने के लिए हम पहले से ही तैयार रहें।
इस कांफ्रेंस के दौरान, एनर्जी एफिशिएंट बिल्डिंग मटेरियल सप्लायर्स, टेक्नोलॉजी सप्लायर्स, अनुसंधान संस्थानों और यूनिवर्सिटीज भी निर्माण क्षेत्र में ऊर्जा दक्षता के लिए नए आइडियाज और तकनीकों को एक प्रदर्शनी के माध्यम से विशेषज्ञों के सामने रखेंगे। इस कांफ्रेंस में भाग ले रहे प्रतिनिधियों को भवन निर्माण क्षेत्र के विशेषज्ञों और नीति निर्माताओं के साथ बातचीत करने का अवसर मिलेगा । वे होटल्स, ऑफिसेस जैसे कमर्शियल भवनों के निर्माण के साथ-साथ आवासीय भवनों में व्यवहारिक ऊर्जा कुशल विकल्पों के बारे मे जान पाएंगे। ऊर्जा की बचत के अलावा, अन्य संसाधनों जैसे पानी के भी बचत पर भी जोर दिया जायेगा, जिनका भवन निर्माण क्षेत्र में उपयोग किया जाता है।
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