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पुलिस कार्यप्रणाली से क्षुब्ध प्रदर्शनकारियों और पुलिसकर्मियों के बीच हिंसक झड़प में कई घायल, दर्जन भर हिरासत में

प्रदीप दुबे विक्की

औराई। घटना के 6 दिन बाद पुलिस की कार्यप्रणाली से छुब्ध होकर मृतक के घर वालों और आसपास के लोगों ने औराई चौराहे पर 4 घंटे तक जमकर बवाल काटा। 4 घंटे के बाद आक्रोशित लोगों की ओर से पथराव शुरू हुआ जहां पुलिस को जमकर लाठियां भांजनी पड़ी। पुलिस की लाठी और प्रदर्शनकारियों के पथराव से जहां प्रदर्शन कर रहे एक दर्जन से अधिक लोग घायल हो गए वहीं आधा दर्जन पुलिसकर्मी भी चोटिल हुए।

जाम से हाईवे और भदोही मिर्जापुर रोड 4 घंटे तक पूरी तरह जकड़ा  रहा। लाठीचार्ज के बाद जाम कर रहे लोग भाग खड़े हुए और सडक पर खडे वाहनों मे तोडफ़ोड़ करने लगे। पुलिस चारो रोड पर लोगों को दौडाकर खदेड़ा। फिर वाहनों का आना-जाना शुरू हुआ। ज्ञात हो कि 18 सितंबर बुधवार की शाम औराई कोतवाली क्षेत्र के चक जोधी बारी गांव निवासी सूरज सरोज 25 वर्ष और उनके पड़ोस के ही दो छोटे बच्चे राजकुमार 12 वर्ष और अजीत कुमार 11 वर्ष ठेले पर सेव लादकर उगापुर बाजार बेचने गए थे। देर शाम लौटते समय नरथुंआ गांव के सामने भदोही की ओर से औराई आ रही एक बोलेरो की चपेट में आ गई, जहां सूरज सरोज की मौके पर ही मौत हो गई जबकि राजकुमार 6 घंटे बाद वाराणसी के ट्रामा सेंटर में दम तोड़ दिया।

पीड़ित परिवार की ओर से बताए गए बोलेरो के नंबर के आधार पर मुकदमा पंजीकृत किया गया। 6 दिन बाद पुलिस की ओर से कोई कार्यवाही होता ना देख पीड़ित परिवार गांव के लोग और आसपास के लोगों के द्वारा 23 सितंबर सोमवार को 11:00 बजे से थाने का घेराव करते हुए औराई चौराहे के चारों रोड को जाम कर दिया गया। मौके पर कोतवाल एस एन मिश्रा, पुलिस क्षेत्राधिकारी भदोही, एडिशनल एसपी, नायब तहसीलदार स्वामीनाथ सिंह ने 3 घंटे तक प्रदर्शन करने वालों से मिन्नतें करती रही और 2 दिन का समय मांगते रहे। किंतु प्रदर्शन करने वाले केवल गाड़ी और आरोपी की गिरफ्तारी और डीएम को बुलाने की मांग पर अड़े थे। जिसमें महिलाओं की संख्या बहुत ज्यादा थी, जिससे पुलिस भी लाचार थी, किंतु 4 घंटे के बाद आक्रोशित भीड़ की ओर से किसी ने एक पत्थर चला दिया, जिससे वहां अफरा-तफरी मच गई और जमकर पत्थरबाजी होने लगी।

पुलिस भी अपने बचाव में लाठी भांजना शुरू कर दी। जैसे ही लाठीचार्ज शुरू हुआ भीड़ तितर-बितर होकर भागने लगी, किंतु परिवार और गांव के लोग तब भी डटे रहे पुलिस एक-एक को पकड़कर घसीटते हुए कोतवाली ले गई। जिसमें एक दर्जन महिलाएं पुरुष और बच्चे शामिल हैं। पकड़े गए लोगों को भी हल्की-फुल्की चोटें आई हैं और कुछ पुलिस वाले भी पथराव से घायल हुए हैं। प्रदर्शन कर भागने वाले कुछ लोग चारों रोड पर खड़े वाहनों के शीशे को भी तोड़ना प्रारंभ किए, किंतु पुलिस और पीएसी की सक्रियता से चारों रोड पर पुलिस लोगों को एक-एक किलोमीटर तक दौडाकर खदेड़ दिया। चार घंटे बाद चारों रोड पर लगा जाम और वाहनों का काफिला धीरे-धीरे निकलना प्रारंभ हुआ, जो देर शाम तक हाईवे और लुंबिनी दुद्धी मार्ग वाहनों के जाम से जकडा रहा।

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