प्रदीप दुबे विक्की
ज्ञांनपुर, भदोही। नगर पंचायत ज्ञानपुर नरक पंचायत बनकर रह गया है। पानी की तरह करोड़ों रुपए बहा दिए जाने के बावजूद तस्वीर में कोई अंतर नहीं दिख रहा है। बीते शुक्रवार की रात से लगातार हो रही बरसात के चलते ज्ञानपुर नगर वासियों का जीवन नारकीय हो गया है। नगर के लगभग सभी वार्डों मोहल्लों व गलियों में नाली खड़ंजा आवास पेयजल और शौचालय जैसी सुविधाओं के लिए करोड़ों रुपए खर्च करने के बावजूद अकाल बना हुआ है।
ऐसे में लोगों को संक्रामक रोग फैलने का डर सताने लगा है । एक तरफ आवास के लिए लोग जहां मारे मारे फिर रहे हैं , वहीं जगह-जगह पेयजल के नाम पर लगे अधिकतर हैंडपंप खराब हो चुके हैं। नगर पंचायत कर्मियों व प्रशासनिक अधिकारियों का कोई पता नहीं है। जिन लोगों को शौचालय का पैसा मिला था उनके शौचालय या तो बने नहीं है या अधूरे पड़े हैं। भारत सरकार और उत्तर प्रदेश का स्लोगन “बहू बेटियां दूर न जाए शौचालय घर में बनवाएं” का नारा महत्वहीन साबित हो रहा है।
बताते चलें कि नगर की हृदयस्थली कहे जाने वाले ज्ञान सरोवर के आसपास साफ-सफाई का प्रबंध न किए जाने से नागरिकों की समस्याएं बढ़ती जा रही हैं। राजा पार्क के पास फल विक्रेताओं द्वारा फेंके जाने वाले कूड़ु-कटकट का समय से निस्तारण न किए जाने से नगर की स्वच्छता और सुंदरता पर ग्रहण लगा हुआ है। नगर पंचायत स्थित कई महापुरुषों की मूर्तियों के भारी गंदगी जमा होने से आने जाने वालों को भारी असुविधा का सामना करना पड़ रहा है। कूड़ा पात्र के अभाव में नित्य कूड़े करकट का ढेर नालियों में जमा होता रहता है। जिसके चलते पशुओं के विचरण से या तो सड़क पर गंदगी पसरती है और दूसरी ओर संक्रामक रोगों का भय बना रहता है।
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