तारिक आज़मी/आदिल अहमद
कानपुर थाना चमनगंज अंतर्गत हुमायूं बाग निवासी सपा नेता आफ़ताब खान पर शुक्रवार शाम को क्षेत्र के अपराधी कासिफ उर्फ बन्टू व फहीम चुल्ली ने जान से मारने की नियत से अवैध असलहे से गोली चला दी। वहीं सपा नेता आफ़ताब खान ने भी अपने बचाव में अपने लाइसेंसी असलहे से फायर किया। सपा नेता के पास असलाह देख अपराधी तितर बितर हो गए। जिसके बाद घटना स्थल पहुंचे प्रभारी निरीक्षक चमनगंज रवि श्रीवास्तव ने कासिफ उर्फ बन्टू को हिरासत में लिया और उसे थाने ले आये। बाद हिरासत प्रभारी निरीक्षक को उनकी माता की तबियत गम्भीर होने की सूचना मिली और वो लखनऊ के लिए रवाना हो गये। इस दौरान देर रात प्राप्त सूचनाओ के अनुसार प्रभारी निरक्षक की माँ का देहांत हो गया।
वैसे जानकार बताते है कि हर प्रकाश इसलिए आये थे, क्योंकि कांग्रेस से आरोपी कासिफ उर्फ बन्टू पार्षदी का चुनाव लड़ चूका है। भले ही चुनाव वह बुरी तरह हारा हो, मगर पार्टी के नज़र में सम्मानित कार्यकर्ता तो है ही। शायद इसलिए हरप्रकाश अग्निहोत्री उसके बचाव का पूरा प्रयास कर रहे थे। बेफिक्री से आरोपी को टहला रहे चौकी इंचार्ज मनोज पांडेय व सिपाही अवधेश से चाय की चुस्कियो में व्यस्त थे कि इसी दौरान आरोपी कासिफ उर्फ बन्टू थाने से बाहर निकला और एक मोटरसाइकिल पर बैठ कर रफूचक्कर हो गया।
वैसे प्राप्त जानकारी के अनुसार आरोपी बंटू भले राजनितिक चोला पहन चूका हो, मगर उसका अपराधिक इतिहास भी रहा है। भले ही कुछ हो, मगर थाने का सीसीटीवी फुटेज इस बात की गवाही दे देगा कि आखिर किस प्रकार से एक हत्या के प्रयास का आरोपी थाने में हिरासत में आने के बाद फरार हो गया। अब भले ही चौकी इंचार्ज कुछ लोगो को यह समझाते हुवे दिखाई दे रहे थे कि बंटू थाने में हिरासत में नहीं था, बल्कि वह थाने में तहरीर देने आया था। अब सवाल ये उठता है कि मौके की कुछ तस्वीरे हमारे पास इस समाचार के साथ लगी है। अगर बंटू थाने में तहरीर देने आया था तो फिर ये जो पुलिस वाले उसको पकड़ कर ले जा रहे है वह उसको क्यों पकडे है।
बहरहाल, मामले में आरोपी की पुनः गिरफ़्तारी सुनिश्चित करने के लिए क्षेत्राधिकारी ने भी अपना दमखम लगा रखा है और लगातार संभावित ठिकानों पर छापेमारी का समाचार प्राप्त हो रहा है। इस दौरान दो खुद को बड़ा पत्रकार बताने वाले सज्जन पहले तो आरोपी की पैरवी करते दिखाई दे रहे थे। मगर जब मामले में इस प्रकार का रुख पलट लिया तो रजबी रोड के रजब की जलेबी की तरह पत्रकार से पतल्काल बने महोदय ने खुद युटर्न लिया और फिर गिरफ़्तारी का फोटो और वीडियो लोगो से डिलीट करवाने का प्रयास करते दिखाई देने लगे। वैसे सूत्रों की माने तो एक दो ने उनको जमकर इस कृत्य के लिया लथाड भी दिया। मगर वो क्या कहते है साहब कि हवाए बाज़ कहा आती है शरारत से, सरो पर हाथ न रखो तो पगड़िया उड़ जाए। तो वह भी अपना प्रयास जारी रखे हुवे थे और मामले में लीपापोती करके अब पुलिस वालो को डिफेन्स करने की भरसक कोशिश करते दिखाई दे रहे थे। समाचार लिखे जाने तक आरोपी के गिरफ़्तारी का प्रयास जारी था। मामले का संज्ञान उच्चाधिकारियों को मिल चूका था।
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