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देखे वीडियो वाराणसी के आदमपुर थाना क्षेत्र में भीड़ द्वारा बच्चा चोर के शक में पागल व्यक्ति की बेरहम पिटाई

तारिक आज़मी

वाराणसी। भीड़ तंत्र द्वारा कानून को अपने हाथो में ले लेना इस समय आम बात होती जा रही है। वही दूसरी तरफ बच्चा चोर की अफवाहों ने इस मोब लीचिंग को और भी बढ़ावा दे रखा है। वैसे तो अभी तक ऊपर वाले का शुक्र रहा और नीचे वालो का प्रयास रहा है कि मोब लीचिंग जैसी घृणित घटनाये अमन-ओ-सुकून के शहर बनारस में नही हो पाई थी। मगर इस अफवाहों के बाज़ार ने आज अपना सर उठाया और एक अर्ध विक्षिप्त की भीड़ ने जमकर पिटाई कर दिया। निर्देयता की हदे पार करने वाली इस भीड़ ने बीच बचाओ कर रहे क्षेत्र के संभ्रांत और समझदार युवको को भी नहीं छोड़ा और कई युवक भी इस भीड़ तंत्र के हाथो बचाने में चोट खाए।

घटना कुछ इस प्रकार हुई कि आदमपुर थाना क्षेत्र के नवापुरा (छित्तनपुरा – हनुमान फाटक) के पास आज शुक्रवार को लगभग 2:30 बजे के करीब जब जुमे की नमाज़ के बाद लोग मस्जिदों से बाहर निकल कर चाय पान की दुकानों पर बतकही में मशगुल थे तभी एक अर्धविक्षिप्त लग रहे व्यक्ति को कुछ लोगो ने बच्चा चोर समझ कर पकड़ लिया। लोगो ने उसके थैले की तलाशी करने जैसे कार्य करने शुरू किये इसी दौरान किसी शरारती तत्व ने उस पागल को मारना शुरू कर दिया। फिर क्या था ? भीड़ तो भीड़ है साहब, भेड़ बकरिया भी इसको देख कर शर्मा जाए कि आखिर किस तरीके से इंसान उसके जैसे होते जा रहे है।

फिर क्या था साहब, शुरुआत हो चुकी थी। जो आता दो चार हाथ और लात मार कर ही जाता। देखते देखते भीड़ भी बढती गई और मारने वालो की तय्दात भी। ऐसा नही कि काबुल में सिर्फ घोड़े ही थे, इलाके के कई समझदार लोगो ने उस व्यक्ति को मार खाने से बचाने का भी प्रयास किया मगर भीड़ उनकी सुनने को तैयार ही नही थी। जो आता दो चार हाथ और दो चार लात जड़ कर ही किनारे होता। अफवाहों का बाज़ार गर्म होने लगा और उस मार खाते व्यक्ति को बचाने वाले लोग भी भीड़ का शिकार होने लगे थे। उनमे कई लोगो को भीड़ का घुसा लात भी पड़ा। काफी देर तक ये नाटक का सिलसिला चलता रहा।

इस दौरान सुचना पाकर मौके पर चौकी इंचार्ज हनुमान फाटक सदानंद राय दल बल पहुचे और भीड़ में घिरे व्यक्ति को निकालने का प्रयास किया। मगर भीड़ तंत्र तो जज्बाती हो चुकी थी। किसी प्रकार पुलिस द्वारा क्षेत्रीय नागरिको के सहयोग से उस व्यक्ति को वहा से निकाल कर पहले पुलिस चौकी हनुमान फाटक और फिर आदमपुर थाना लाया गया। घटना की सुचना मिलते ही क्षेत्राधिकारी कोतवाली बृजनंदन राय भी मौके पर पहुचे और घायल हो चुके व्यक्ति से आवश्यक पूछताछ किया। इस दौरान घायल को इलाज हेतु मंडलीय चिकित्सालय भेजा गया है। समाचार लिखे जाने तक घायल के सम्बन्ध में विस्तृत जानकारी प्राप्त नही हुई थी। पुलिस घायल का इलाज करवा रही थी तो वही मामले में सुरागगशी में भी लगी हुई है।

क्षेत्र में गर्म है कई दिनों से अफवाहों का बाज़ार

वाराणसी में इस प्रकार की घटना पहली बार शायद हुई है। खास तौर पर आदमपुर क्षेत्र में तो इतिहास का शायद पहला मामला इस प्रकार का है। गुजती अफवाहों के बीच इस बार भीड़ के हत्थे एक व्यक्ति पड़ गया। ऐसा नही है कि यह पहला अफवाह का मामला पुलिस के संज्ञान में आया हो। अभी मंगलवार को देर शाम मछोदरी के नाचनी कुआ क्षेत्र में भी ऐसी ही एक अफवाह उडी थी। उस मामले में भीड़ का आरोप था कि कोई अज्ञात महिला और दो अज्ञात पुरुष एक बच्चे को लेकर कही जाना चाहते थे। मामले की गहराई में जाकर जब जानकारी हासिल किया गया तो पता चला कि खेल रहे बच्चे को किसी राहगीर ने डाटा था और फिर वह राहगीर अपने रास्ते चला गया था। उसी दिन रात को लगभग 9 बजे के करीब एक महिला ने मछोदरी पुलिस चौकी पर भीड़ के साथ पहुची थी। उसका आरोप था कि उसका ८ साल का बेटा ट्यूशन पढ़कर घर वापस नही आया।

अभी वह अपनी तफसील बयान ही कर रही थी कि तभी एक भीड़ का झुण्ड और आया और कहा कि उसके परिवार के 4 बच्चे गायब है। स्थानीय चौकी इंचार्ज के हाथ पाँव फुल गए और तत्काल फैंटम सहित खुद भी क्षेत्र के मुआईना के लिए निकल पड़े। इस दौरान खुद अपने आँखों से देखा और सुना गया कि कुछ तो इस मामले में राजनितिक रोटी सेकने के लिया भीड़ को भड़काने का भी काम कर रहे थे। वैसे यह इश्वर की दया रही कि सिर्फ कुछ देर में ही दोनों परिवारों को उनके बच्चे मिल गए। महिला का बच्चा पास में ही अपने दोस्त के घर खेल रहा था, जबकि जिस परिवार के चार बच्चे एक साथ गायब थे उनके बच्चे मुहर्रम का चंदा लेने इलाके के आस पास ही घूम रहे थे।

इन तीन घटनाओ के बाद भले ही मछोदरी चौकी इंचार्ज ने इसका एक सबक सीखा और जहा जहा भीड़ इकठ्ठा होती है हर उस जगहों पर फैंटम की गश्त बढ़ा दिया। ज़रूरत है कि हर भीड़ जमा होने वाली जगहों पर पैदल गश्त बढाया जाए।

असफल है डिजिटल वालंटियर ग्रुप

हर थाने की तरह इस थाने का भी डिजिटल वालंटियर ग्रुप है। मगर बात वही है कि हर थाने के ग्रुप की तरह यह ग्रुप भी सिर्फ खुद के प्रचार प्रसार हेतु अधिक प्रयोग होता है। हम भूल जाते है कि आखिर समाज के लिए हमारी भी ज़िम्मेदारी है। आखिर क्यों भूल जाते है कि समाज आखिर हमारा ही है और हम समाज के लिए जवाबदेह है। जिस सभ्य समाज की हम परिकल्पना करते है उसमे हिंसा की कोई जगह नही होती है।

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