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प्रेरणा :  महिला समाजसेवी भारत में समावेशी विकास को कर रही सुनिश्चित

संजय ठाकुर

दिल्ली: भारत में महिला सामाजिक उद्यमिता: ब्रिटिश काउंसिल की 2016  एक रिपोर्ट के अनुसार – बांग्लादेश, घाना, भारत और पाकिस्तान में 24% सामाजिक उद्यमों का नेतृत्व महिलाएं कर रही है,  जबकि  मुख्यधारा के व्यवसाय और निजी क्षेत्र की फर्मों में सिर्फ 8.9% महिला ही नेतृत्व कर रही हैं। इन महिला समाज सुधारकों ने अपने जीवन के अनुभव के आधार ये जाना है की अच्छी शिक्षा, स्वास्थ्य और अन्य अवसर  एक विशेषाधिकार है, जो एक  महिला के जीवन में बदलाव ला सकता  हैं। आज कई महिलाओं ने समाज में परिवर्तन लाने के अपने  वर्षो पुराने ख्वाईश  को पूरा करने के लिए अपने अच्छे -खासे करियर को त्याग कर  सामाजिक उद्यमिता का रास्ता चुना है।

महिलाओं के  द्वारा  शुरू किये गए ये सामाजिक उद्यम नए भारत का प्रतिनिधित्व करते हैं जो जोखिम और  त्याग दोनों के लिए तैयार रहते है।  इन महिलाओं द्वारा  चुने हुए क्षेत्रों में  इनको बहुत काम लोग जानते हैं।  फिर भी वे न केवल सामजिक उद्यम में आने वाली समस्याओं को न सिर्फ दूर कर रही हैं  बल्कि दूसरों के लिए एक मिसाल भी कायम कर रही  हैं। स्टार्टअप इंडिया जैसी पहलें इन महिलाओं को एक मजबूत पारिस्थितिकी तंत्र उपलब्ध करा कर बहुत मददगार साबित हो रही हैं इसके लिए वे सरकार की आभारी है। सामाजिक परिवर्तन लाने के  उनके जुनून को देखकर राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय विकास संस्थान उनके उद्यमों में निवेश करने के लिए तैयार हैं। इन सामाजिक उद्यमियों को अब भारत की सामाजिक-आर्थिक विभाजन की प्रासंगिक और जटिल समस्याओं के समाधान के रूप में देखा जा रहा  है।

कई प्रतिष्ठित संसथान इन महिला सामाजिक उद्यमियों के प्रयासों को सराहा रहे हैं और उनके द्वारा  समाज में परिवर्तन लाने के उद्देश्य से किये गए पहलों को एक दूसरे से साझा करने के लिए एक मंच प्रादन कर रहे हैं, जिसके माध्यम से वे एक दूसरे से सिखतें हैं  और अपने साथियों को नवाचार के माध्यम से समाज में सुधार लाने के लिए प्रेरित करते हैं। ऐसा ही एक मंच प्रतिष्ठित सोशल एंटरप्रेन्योरशिप ऑफ द ईयर (एसईओवाई) इंडिया अवार्ड है – जो जुबिलैंट भारतिया फाउंडेशन और श्वाब फाउंडेशन ऑफ सोशल एंटरप्रेन्योरशिप की साझेदारी से बना हैं,  (श्वाब फाउंडेशन और वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम एक संयुक्त वैश्विक मंच है जो सामाजिक सुधार के पहलों के उत्कृष्ट मॉडल को मदद प्रदान करता है)।  पिछले दस साल से लगातार एसईओवाई इंडिया कड़े मानकों के आधार पर चयन कर विभिन्न क्षेत्रों में काम कर रहें सामाजिक उद्यमियों को मान्यता प्रदान कर रहा है।

दस सालों में एसईओवाई इंडिया ने 1500 से अधिक सामाजिक नवाचार के आवेदनों का निरिक्षण किया हैं, जिनमें से लगभग 500 महिला आवेदकों के थे। इस वर्ष, 120 से अधिक आवेदन प्राप्त हुए हैं  जिनमे 30 से अधिक महिला सामाजिक उद्यमियों के हैं।  एसईओवाई इंडिया के द्वारा  सामाजिक सुधार के क्षेत्र में दिए गए अवार्ड्स में पिछले 9 साल में 5 बार महिला सामाजिक उद्यमी इस अवार्ड की विजेता रही हैं।

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