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कमलेश तिवारी हत्याकांड – स्टूडियो में इन्साफ करने को बेताब एंकर और नज़रंदाज़ होता मृतक की माँ का बयान, जाने पुलिस के हाथ लगा हत्यारों का एक तगड़ा सुराग

तारिक आज़मी

लखनऊ में हुवे हिन्दू कट्टरवादी छवि के नेता कमलेश तिवारी की हत्या काण्ड को लेकर सियासी रोटिया और टीआरपी की जंग जैसे चल रही हो। तमाम भाजपा नेता और कुछ मीडिया हाउस इस हत्याकाण्ड को सांप्रदायिक रूप देने में लगे हुवे है। हत्या के पैटर्न के बहाने लोग सांप्रदायिक भावनाओ के साथ खेलने का लाख प्रयास कर रहे है। कुछ इसको फतवा गैंग तो कुछ इसके तार आईएसआईएस के साथ जोड़ने को बेचैन दिखाई दे रहे है।

लग तो ऐसा रहा है कि न्यूज़ स्टूडियो में बैठ कर ही सभी फैसले कर दिए जायेगे और आरोपियों को दोषी करार देकर सजा भी मुक़र्रर कर दिया जायेगा। इस हत्या में पैटर्न का सहारा लेकर लोग इस हत्या को सम्प्रदाय विशेष से जोड़ रहे है। वैसे ऐसे कई उदहारण है कि ऐसे गला रेतने की घटना सिर्फ एक सम्प्रदाय विशेष के अपराधियों के द्वारा ही नही हुई है, बल्कि जैसा कहा जाता है कि अपराध का कोई धर्म नही होता, उसी अनुसार अन्य सम्प्रदाय से जुड़े अपराधी भी इस प्रकार की दुस्साहसिक और निर्दयता का परिचय दे चुके है।

हकीकत में लोग अपने स्टूडियो और फिर उसके बाद सडको के चाय पान के नुक्कड़ पर ही खड़े होकर फैसला सुनाने में इतना मशगुल है कि उन्हें अन्य कोई आवाज़ नही सुने दे रही है। ऐसा ही मामला कमलेश तिवारी के परिवार से भी जुडा हुआ है। मगर चाय पान की दुकानों से लेकर महंगे स्टूडियो वालो को कमलेश तिवारी के माँ का बयान नही सुनाई दे रहा है।

मृतक कमलेश की माँ का वीडियो घटना वाले दिन से ही वायरल हो रहा है जिसमे वह सीधा आरोप लगा रही है कि योगी आदित्यनाथ और बीजेपी ने अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए उनके बेटे को मरवा दिया। उन्होंने कहा कि कमलेश तिवारी के चलते योगी और बीजेपी की दाल नहीं गल रही थी इसलिए एक बीजेपी नेता के जरिए मेरे बेटे की हत्या करवाई। नाम का खुलासा करते हुए कमलेश तिवारी की मां ने इस वायरल वीडियो में कहा है कि बीजेपी का वो नेता शिव कुमार गुप्ता है, जो भूमाफिया है। मंदिर में अध्यक्ष पद के विवाद के चलते शिवकुमार ने मेरे बेटे कमलेश की हत्या की है। कमलेश तिवारी की माँ का कहना है कि कमलेश के विरोध के बावजूद छल के साथ शिवकुमार गुप्ता मंदिर का अध्यक्ष बन बैठा है। तब से ही रंजिश चल रही थी। अब उसने मेरे बेटे की हत्या करवा दिया है।

बहरहाल, गुजरात एटीएस का दावा है कि पकडे गये तीनो आरोपियों ने अपना जुर्म कबूल कर लिया है। वही दूसरी तरफ लखनऊ पुलिस ने एक और फुटेज होटल का तलाश निकाला है जिसमे हत्यारे होटल के अन्दर से बाहर जाने को है। उनके हाथ में मिठाई का डब्बा भी दिखाई दे रहा है। इस बीच, हत्‍याकांड की तफ्तीश में पता चला है कि संदिग्‍ध हत्‍यारोपी नाका हिंडोला क्षेत्र के ही एक होटल में ठहरे थे। पुलिस महानिदेशक ओम प्रकाश सिंह ने बताया कि होटल के कर्मियों के मुताबिक दोनों ने अपना नाम शेख अशफाकुल हुसैन और मुईनुद्दीन पठान बताया था।

उन्होंने बताया कि हत्‍याकांड वाले दिन वे दोनों भगवा कुर्ते पहनकर होटल से निकले थे और उनके हाथ में एक मिठाई का डिब्‍बा था। उन्‍होंने बताया कि वे लोग 17 अक्‍टूबर को होटल आये थे और 18 की दोपहर वे चले गये थे। उनके कमरे के बेड पर भगवा रंग का कुर्ता पड़ा था, उस पर खून के निशान हैं। मौके पर मिले तौलिये में भी खून लगा है। एक नये मोबाइल का डिब्‍बा भी मौके से मिला है। विवेचना के क्रम में यह एक बड़ी उपलब्धि है। पुलिस जल्‍द ही हत्‍यारों तक पहुंच जाएगी।

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