जुबैर शेख/अब्दुल बासित मलक
नई दिल्ली: महाराष्ट्र में सरकार बनाने की कवायद में एनडीए गठबंधन में पहली फुट चुनाव परिणाम आने के बाद ही पड़ गई थी। यह फुट एक खाई का रूप लेती गई और भाजपा की सहयोगी शिवसेना अपनी मांग फिफ्टी फिफ्टी फार्मूले पर डटी रही। विधान सभा में सबसे बड़ी होने के बावजूद भी भाजपा इस अड़चन को दूर करके सरकार नही बना पा रही है। वही शिवसेना और भाजपा दोनों ही अलग अलग राज्यपाल से मुलाकात कर चुके है।
वही दूसरी तरफ शिवसेना के संजय राउत से जब सरकार बनाने में देरी की वजह पर सवाल हुआ तो उन्होंने तंजिया लहजे में कहा कि ‘यहां कोई दुष्यंत नहीं हैं, जिनके पिता जेल में हों। यहां हम हैं, जो ‘धर्म और सत्य’ की राजनीति करते हैं। शरद जी जिन्होंने बीजेपी और कांग्रेस के खिलाफ माहौल बनाया है जो कभी बीजेपी के साथ नहीं जाएंगे।’
साथ ही कहा, ‘उद्धव ठाकरे जी ने कहा है कि हमारे पास अन्य विकल्प भी हैं लेकिन हम उस विकल्प को स्वीकार करने का पाप नहीं करना चाहते हैं। शिवसेना ने हमेशा सच्चाई की
राजनीति की है, हम सत्ता के भूखे नहीं हैं।’
बताते चले कि शिवसेना लगातार भाजपा पर हमलावर है। इस बीच शिवसेना के मुखपत्र सामना की सम्पादकीय में अर्थव्यवस्था पर कटाक्ष करते हुवे लिखा था कि “इतना सन्नाटा क्यों है भाई ?” बताते चले कि शोले फिल्म के रहीम चाचा बने ए के हगल का यह बहुचर्चित डायलाग है।
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