आसिफ रिज़वी
मऊ. यूपी के जनपद मऊ में एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने रांची से आए शिया समुदाय के मौलाना तहजीबुल हसन रिज़वी ने कहा कि हम एनआरसी का स्वागत करते हैं। लेकिन गृह मंत्री अमित शाह ने जो बयान दिया है कि एनआरसी से बौद्ध, जैन और सिख को डरने की जरूरत नहीं है, यदि उनके पास कागजात नहीं होंगे तो भी उन्हें भारत का निवासी बनाया जाएगा। उनके इस बयान से देश के मुस्लिम अल्पसंख्यकों में मायूसी छाई है। देश में हिंदू मुस्लिम और सभी धर्मों के लोग भारतीय हैं। विदेशी मूल के जो लोग दहशतगर्द हैं उन्हें हटाना चाहिए। हम प्रधानमंत्री और गृह मंत्री से अपील करते हैं कि भेदभाव बंद करें। एनआरसी यदि राजनीति के मकसद से लागू की जा रही है तो यह ठीक नहीं है। भाजपा को मुसलमान भी वोट देते हैं।
बता दें कि कोलकाता में मंगलवार को एनआरसी पर एक जनजागरण कार्यक्रम को संबोधित करते हुए अमित शाह ने कहा था कि पश्चिम बंगाल में एनआरसी लागू होना तय है। लेकिन उससे पहले सरकार नागरिकता (संशोधन) अधिनियम के ज़रिए हिंदू, सिख, जैन, ईसाई और बौद्ध शरणार्थियों को भारत की नागरिकता दे देगी। शाह ने कहा था, “किसी भी हिंदू, सिख, जैन और बौद्ध शरणार्थी को देश से बाहर नहीं जाने दिया जाएगा।
गृहमंत्री की तरफ़ से एनआरसी पर दिए गए इस बयान के कुछ देर बाद ही मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने एक पूजा पंडाल के उद्घाटन के दौरान कहा था, “हमारे राज्य में सबका स्वागत है। लोग यहां आकर दुर्गापूजा का आनंद उठा सकते हैं। लेकिन त्योहार के मौक़े पर विभाजन की राजनीति का सहारा ना लें। धार्मिक आधार पर लोगों में विभाजन और मतभेद पैदा नहीं करना चाहिए।
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