आदिल अहमद
ज़ुल्म अपने शबाब पर पहुचता जा रहा है। ज़ुल्म की इन्तहा तो तब हो गई जब एक जईफ और गरीब मजदूर ने अपने पसीने की कमाई खुद की मजदूरी मांगी तो उसके एक पैर की उंगली काट लिया गया, उसके हाथ का अंगूठा तोड़ दिया गया। इसके बाद उसको मरने के लिए रेलवे ट्रैक पर छोड़ दिया गया। वह उस बुज़ुर्ग की किस्मत थी कि मौके पर पहुची पुलिस ने उसकी जान बचाई और उसको अस्पताल में इलाज हेतु भर्ती करवा दिया। यह वारदात ओडिशा के मजदूर के साथ नागपुर में हुई। दो माह अस्पताल में गुजारने के बाद वृद्ध मजदूर जब अपने गांव पहुंचा तब उसके परिवार को इस घटना के बारे में पता चला।
चमरू का दो महीने तक नागपुर में इलाज चला, लेकिन फिर भी उनके परिवार को कुछ पता नहीं चल पाया। दो महीने बाद चमरू जब घर लौटे तब उनकी हालात के बारे में पता चला। चमरू सबसे पहले तो अपने ससुराल पहुंचे फिर अपने घर। चमरू पहारिया अभी नुआपाड़ा के सरकारी अस्पताल में एडमिट है। नुआपाड़ा के विधायक राजेन्द्र ढोलकिया अस्पताल में चमरू से मिलने गए और उन्हें 5000 रुपये की मदद भी दी। नुआपाड़ा के जिलापाल ने अपनी तरफ से दो बोतल खून का इंतज़ाम भी किया।
चमरू पहारिया का एक बेटा और दो बेटी हैं। बेटा दूसरों के खेत में काम करके अपना पेट पाल रहा है जबकि दो बेटियों की शादी हो चुकी है। चमरू पहारिया के बेटे ने पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज कराई है जिस पर जांच चल रही है। पुलिस का कहना है एक आरोपी की गिरफ्तारी हुई है और पूछताछ चल रही है।
समस्त इनपुट साभार खबर एनडीटीवी
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