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मोक्ष की नगरी काशी में सर चढ़ता अपराध, एक और बिल्डर की गोली मार कर हत्या

तारिक आज़मी

वाराणसी. शहर में भले ही पुलिस लगातार अपराधियों पर अंकुश लगाने के लिए मुठभेड़ कर रही है। कप्तान के निर्देश पर भले ही आपरेशन क्लीन चल रहा हो, मगर अपराध है कि कम होने का नाम ही नहीं ले रहा है। अभी तहसील सदर परिसर में बिल्डर बबलू सिंह की हत्या की गुत्थी सुलझाने में खुद उलझी वाराणसी पुलिस के सामने और और घटना आ गई जब अज्ञात कारणों और अज्ञात व्यक्ति द्वारा गोली मार कर एक और बिल्डर की हत्या कर दी गई। मृतक बिल्डर का नाम बलवंत सिंह बताया जा रहा है।

घटना के सम्बन्ध में प्राप्त समाचार के अनुसार आज मध्य रात्रि पुलिस को सुचना मिली कि अशोक बिहार कालोनी में एक बिल्डर को गोली मार दिया गया है। सुचनाकर्ता ने बताया कि घायल व्यक्ति को मलदहिया स्थित एक निजी चिकित्सालय ले जाया जा रहा है। सुचना पर प्रशासन में हडकम्प मच गया। काफी फ़ोर्स अशोक बिहार तो वही दो थानों की फ़ोर्स निजी चिकित्सालय पहुच गई। डाक्टरों ने जांच के बाद घायल को मृत घोषित कर दिया। अशोक बिहार कालोनी में छानबीन कर रही टीम को मौक़ा-ए-वारदात की जगह तलाशनी पड़ रही है।

वही निजी चिकित्सालय पर सुचना पाकर पहुचे परिजनों ने पुलिस के खिलाफ जमकर अपना गुस्सा ज़ाहिर किया। वह किसी भी प्रकार की जानकारी देने से प्रशासन को लगभग इनकार ही कर रहे थे। मौके पर पहुचे क्षेत्राधिकारी चेतगंज, थाना प्रभारी चेतगंज, थाना प्रभारी सिगरा सहित फैंटम दस्ता और कई चौकी इंचार्ज तथा पुलिस कर्मियों को उत्तेजित परिजनों ने खरी खोटी ही सुनाना जारी रखा। वह प्रशासन को किसी भी प्रकार की कुछ भी जानकारी समाचार लिखे जाने तक नही दे रहे थे।

वही काफी मशक्कत के बाद कुछ परिजनों ने घटना के सम्बन्ध में बताया कि बलवंत सिंह अपने सहकर्मी बिल्डरो रामगोपाल सिंह और पंकज चौबे के साथ भोजन कर रहे थे। इस दौरान बलवंत सिंह और पंकज चौबे के बीच कुछ बात को लेकर विवाद हो गया। खाना खाकर बलवंत सिंह के साथ पंकज चौबे भी बाहर निकला जहा मकान के बाहर ही पंकज चौबे ने बलवंत सिंह को गोली मार दिया। इस दौरान रामगोपाल घर के अन्दर ही था मगर बाहर हुई घटना से अनभिज्ञ था। गोली लगने से बलवंत सिंह घायल होकर गिर पड़े। इस दौरान पंकज चौबे मौके से फरार हो गया।

पुलिस सूत्रों की माने तो परिजनों के बयान के आधार पर पुलिस आरोपी पंकज चौबे के संभावित ठिकानों पर छापा मार रही है। समाचार लिखे जाने तक मुकदमा दर्ज करने की कार्यवाही प्रचलित थी। पुलिस के हाथ समाचार लिखे जाने तक कोई सफलता नही लगी थी। छापेमारी के लिए कई टीम तैयार किया गया है। बताते चले कि बलवंत सिंह की गिनती शहर के बड़े बिल्डरो में होती है। वही रामगोपाल सिंह को शहर का सबसे बड़ा बिल्डर माना जाता है।

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