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महाराष्ट्र में सिचाई घोटाले से जुड़े कुल 9 मामले हुवे बंद

तारिक आज़मी

डेस्क. भाजपा को समर्थन देकर उपमुख्यमंत्री पद पर बैठे अजीत पवार राष्ट्रीय राजनीत में चर्चा का केंद्र बन बैठे है। भाजपा के साथ अपने सम्बन्धो का निर्वाहन करने हेतु अजीत पवार ने भाजपा को समर्थन किया है। आपको जानकारी हेतु बता दे कि इन्ही अजीत पवार के लिए देवेन्द्र फडणवीस ने अपने चुनावी सभा में शोले फिल्म का डायलाग तक बोला था कि भाजपा की सरकार आते ही चक्की पीसिंग एंड पीसिंग। देवेंद्र फडणवीस और बीजेपी सिंचाई घोटाले को लेकर हमेशा अजित पवार पर निशाना साधते रहे हैं।

2014 में मुख्‍यमंत्री बनने के बाद जो पहली कार्रवाई उन्‍होंने की थी वो थी सिंचाई घोटाले में अजित पवार की कथित भूमिका की जांच के आदेश देना था। आरोपों में कांग्रेस-एनसीपी की सरकार के वक्‍त जब अजित पवार उप मुख्‍यमंत्री थे तब करीब 70000 करोड़ रुपये के हेराफेरी के भी आरोप लगे थे। सिंचाई घोटाले में महाराष्‍ट्र में कांग्रेस-एनसीपी की सरकार के दौरान कई सिंचाई परियोजनाओं को मंजूरी देने और उनके क्रियान्‍वयन में अनियमितताएं शामिल हैं।

सोशल मीडिया पर वायरल होता पत्र

पिछले महीने महाराष्‍ट्र विधानसभा चुनाव से ठीक पहले, शरद पवार और अजित पवार दोनों पर प्रवर्तन निदेशालय ने धन शोधन का आरोप लगाया था जो एक कोऑपरेटिव बैंक से जुड़ा था। चुनाव प्रचार के समय देवेंद्र फडणवीस ने एक रैली में कहा था कि चुनाव के बाद अजित पवार जेल में चक्‍की पीस रहे होंगे। उन्‍होंने फिल्‍म ‘शोले’ के डायलॉग चक्‍की पीसींग एंड पीसींग एंड पीसींग का भी इस्‍तेमाल किया था।

आज एसीबी ने सिंचाई घोटाले से जुड़े नौ केस बंद कर दिए हैं। हालांकि एसीबी का कहना है कि जो नौ केस बंद किए गए हैं, उनका वास्ता अजित पवार से नहीं है। लेकिन इस घोटाले के कुछ मामलों का बंद होना भी अहमियत रखता है। महाराष्‍ट्र के भ्रष्‍टाचार निरोधक ब्‍यूरो (एसीबी) के सूत्रों के हवाले से समाचार एजेंसी ANI ने कहा है कि बंद किए गए 9 मामलों में से कोई भी मामला अजित पवार से नहीं जुड़ा है।

ब्‍यूरो के एक अधिकारी ने बताया कि यह एक रुटीन प्रक्रिया है। वरिष्‍ठ अधिकारी परमबीर सिंह ने ANI से कहा है कि सिंचाई से जुड़ी शिकायतों के मामले में करीब 3000 टेंडरों की जांच हम कर रहे हैं। ये नियमित जांच है जो बंद हुई हैं और बाकी मामलों में जांच पहले की तरह ही जारी है। उन्‍होंने कहा कि आज जिन मामलों को बंद किया गया है उनमें से कोई भी अजित पवार से जुड़े नहीं हैं।

अजित पवार की आलोचना करने वाले कहते हैं कि अपने खिलाफ आपराधिक मामलों से बचने के लिए ही वो बीजेपी के साथ जा मिले हैं। एंटी करप्‍शन ब्‍यूरो के नोटिफिकेशन के अनुसार जिन 9 मामलों को बंद किया गया है वो विदर्भ क्षेत्र के वाशिम, यवतमाल, अमरावति और बुलढाणा की सिंचाई परियोजनाओं से जुड़े हैं। आलोचक इसको अजीत पवार को मिलने वाला सरकार के तरफ से गिफ्ट भी बता रहे है। मामले का बंद होने के समय पर ही आलोचकों को बोलने का भी मौका मिल गया है।

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