फारूख हुसैन
पलिया कलां (खीरी)= हमारे देश के अलावा बाहर के लोगों में भी फोटोग्राफी का काफी शौक देखा जाता है और वह अपने आस पास के क्षेत्र के अलावा बाहर भी भी फोटोग्राफी के लिये जाते हैं और अपने कैमरों में अपने यादगार पलों को सजाकर रखते हैं इसके साथ ही वह तरह तरह की खूबसूरत इलाकों,पेड़ पौधों,जानवर, पंक्षियों की फोटो खींचते हैं और अपने शौक को पूरा करते हैं और हां अगर आप फोटोग्राफी करने का शौक रखते हैं, तो अब आप कहीं न जाकर सीधे 884 वर्ग किलोमीटर में फैले विशाल दुधवा नेशनल पार्क में आ सकते हैं। जो तमाम तरह के खूबसूरत इलाकों के अलावा बहुत से वन्यजीव,पंक्षियों,खूबसूरत तितलियों का घर हैं।
दुधवा नेशनल पार्क में बाघ, तेन्दुआ, भालू, स्याही, फ्लाइंग स्क्वेरल हाथी,एक सींघ वाला गेंडा (राइनो सार्स),हिरन की एक साथ दिखने वाली पांच प्रंजातिया चीतल, सांभर, काकड़, बारहसिंहा,पाढ़ा(जो दुनियां भर में किसी भी उद्यान में आपको देखने के लिये नहीं मिलेगीं)मगरमच्छ समेत 400 पक्षियों की प्रजातियां शामिल हैं।
सर्दियों के मौसम आते ही दुधवा के जानवरों की लाइफ स्टाइल भी बदल जाती है जैसे की घने जंगलों के बीच रह रहे वन्यजीव सर्दियों की धूप खाने बाहर निकलते हैं। दुधवा के नकहुआ नदी के बाहर तमाम मगमच्छ आराम फरमाते हुए देखे जा सकते हैं. इसी नदी के आसपास बारहसिंघों के झुंड भी निकल पड़ते हैं. सर्दियां आते ही जानवर अपने लिए गर्म आशियाना तलाश करने में दिन भर भटकते हैं. रात के वक्त इनको डिस्टर्ब करना खतरनाक है, इसलिए जंगल सफारी सिर्फ दिन के उजाले में ही हो सकती है।
दुधवा नेशनल पार्क उत्तर प्रदेश के खीरी जिले में पलिया तहसील में पड़ता है आप लखनऊ से सड़क के रास्ते लखीमपुर, मैलानी व पलिया होते हुए पहुंच सकते है लखनऊ से दुधवा की दूरी लगभग 220 किलोमीटर है। वहां से मैलानी होते हुए दुधवा महज 107 किलोमीटर है. कतर्निया घाट के लिए एक रास्ता दुधवा के बीच भी होकर निकलता है। मुख्य रास्ता दुधवा से वापस पलिया होकर है। सीधे कतर्निया घाट जाना हो, तो बहराइच से वह 86 किलोमीटर दूर है।
आपको अपने खूबसूरत लम्हों को यादगार बनाना है तो आपका दिसम्बर से मार्च का समय बसे बेहतर रहेगा जिसमें आप हमारे दुर्लभ दुधवा की शान बंगाल टाइगर और राइनो सार्स (वन्यजीवों) और प्रवासी पंक्षियों के दर्शन आप आसानी से कर सकते हैं ।
कहां ठहरें आप
दुधवा में ठहरने के लिये आपको थारू हट दुधवा, वन विश्राम भवन बनकटी, किशनपुर, सोनारीपुर, बेलरायां, सलूकापुर, सठियाना वन विश्राम भवन मौजूद हैं जिनकी आप आनलाइन बुकिंग भी कर सकते हैं।
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