अनिल कुमार
नई दिल्ली: झारखण्ड विधान सभा चुनाव सर पर है। हरियाणा और महाराष्ट्र में मिली भाजपा को निराशा के कारण झारखण्ड में भाजपा खुद को मजबूत स्थिति में करना चाहती है। मगर इसी दौरान उसको एक बड़ा झटका लगा है। झारखंड में विधानसभा चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी और आजसू का गठबंधन टूट गया। भारतीय जनता पार्टी अब झारखंड की सभी 80 विधानसभा सीटों पर अकेले चुनाव लड़ेगी।
भारतीय जनता पार्टी और ऑल झारखंड स्टूडेंट यूनियन के बीच सीटों के तालमेल नहीं होने की वजह से यह गठबंधन टूटा है। बता दें कि यह पहली बार होगा जा भाजपा सुदेश महतो के ऑल झारखंड स्टूडेंट्स यूनियन के बिना झारखंड का विधानसभा चुनाव लड़ेगी। जहां तक आंकड़ों का सवाल है जब 2000 में झारखंड नया राज्य बना तब भारतीय जनता पार्टी और आजसू गठबंधन एक साथ आया था।
आजसू की शिकायत थी कि सबसे विश्वसनीय सहयोगी दल होने के बावजूद बीजेपी उसे सीटें देने को तैयार नहीं है। आजसू के मुताबिक जिन सीटों पर दावा किया है, वहां मेहनत की और संगठन तैयार किया है।
आजसू अध्यक्ष सुदेश महतो की मांग पर बीजेपी तैयार नहीं है। भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह, कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा और उपाध्यक्ष ओम माथुर की अध्यक्षता में हुई बैठक में यह फैसला हुआ। इसके साथ यह भी फैसला लिया गया कि BJP एक निर्दलीय उम्मीदवार विनोद सिंह को समर्थन देगी। बीजेपी ने यह सीट आजसू के लिए छोड़ी थी। बता दें कि बीजेपी अभी उम्मीदवारों की घोषणा कर चुकी है और बाकी 27 सीटों पर भी वह अपने उम्मीदवार को उतारेगी।
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