संजय ठाकुर
मऊ- परिवार कल्याण कार्यक्रम के तहत महिला नसबंदी के लिए नियत सेवा दिवस का आयोजन एक अक्टूबर 2019 से 28 नवम्बर 2019 तक किया गया। इस दौरान पूरे जनपद में 388 महिलाओं ने नसबंदी सेवा का लाभ उठाया, जिसमें फतेहपुर मंडाव से एक ही दिन मे 31 महिलाएं नसबंदी की सेवा प्राप्त कर जनपद के सभी ब्लाकों को पीछे छोड़ दिया वहीं रतनपुरा 30 महिलाओं की नसबंदी के साथ दूसरे स्थान पर रहा। इसका उद्देश्य बढ़ रही जनसंख्या को स्थिर रखना तथा उसके लिए परिवार नियोजन के उपलब्ध संसाधनों के प्रति जनसमुदाय में जन जागरूकता लाना है। मौजूदा समय में परिवार स्थिर रखने के लिए अंतरा इंजेक्शन, छाया गोली, माला-एन गोली के साथ ही कॉपर-टी व कंडोम स्वास्थ्य विभाग के द्वारा निःशुल्क उपलब्ध कराए जा रहे हैं।
जिला महिला अस्पताल की स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ अल्का राय ने बताया – इस प्रक्रिया में महिलाओं में गर्भधारण को रोकने के लिए फैलोपियन ट्यूब को ब्लॉक कर दिया जाता है। इस प्रकिया को नसबंदी (स्टेरिलाइजेशन) कहते हैं। नसबंदी एक स्थायी प्रक्रिया है जिससे भविष्य में गर्भधारण नहीं होता है। ऐसी महिलाएं जो एक या दो बच्चे पैदा कर चुकी हैं या बच्चा पैदा नहीं करना चाहती हैं, तो वह नसबंदी करा सकती हैं। इसमें किसी भी प्रकार शारीरिक कमजोरी नहीं आती और यौन क्षमता पर भी असर नहीं पड़ता। यही कारण है कि नसबंदी को सुरक्षित और फायदेमंद माना जाता है। नसबंदी की प्रक्रिया पूरी होने के बाद लाभार्थी को दो से तीन दिन आराम की जरूरत होती है। लेकिन अपने पुरुष साथी को नसबंदी के बाद 90 दिनों तक कंडोम या अन्य गर्भनिरोधक का इस्तेमाल करना चाहिए। उन्होने कहा कि जनसंख्या स्थिर करने के लिए नसबंदी को एक बेहतर उपाय माना जाता है। इसे अपनाकर प्रजनन स्वास्थ्य में सुधार के साथ-साथ शिशु एवं मातृ मृत्यु दर को कम किया जा सकता है।
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