आदिल अहमद
बुधवार को सरकार गठन के सभी प्रयासों के नाकाम होने के बाद यह तय हो गया कि इस्राईल में एक साल से भी कम समय में तीसरी बार आम चुनावों का आयोजन होगा। इस्राईली प्रधान मंत्री बिनयामिन नेतनयाहू द्वारा अक्तूबर में गठबंधन सरकार के गठन में असफल होने के बाद, बुधवार की रात नेतनयाहू के मुख्य प्रतिद्वंद्वी बेनी गैंट्ज़ ने गठबंधन सरकार के गठन में अपनी असमर्थता स्वीकार कर ली।
ग़ौरतलब है कि नेतनयाहू की अल्ट्रा दक्षिणपंथी लिकुड पार्टी ने गैंट्ज़ की ब्लू एंड व्हाइट पार्टी के साथ मिलकर एकता सरकार के गठन प्रस्ताव दिया था, लेकिन गैंट्ज़ ने इसके लिए शर्त रखी थी कि नई सरकार में प्रधान मंत्री का पद नेतनयाहू को नहीं दिया जाएगा। सितम्बर में हुए चुनाव में दोनों ही पार्टियां बहुमत हासिल करने में नाकाम रहीं थीं। पूर्व ज़ायोनी रक्षा मंत्री लिबरमैन की यिसराईल बेतेनू पार्टी किंग मेकर की भूमिका अदा कर सकती थी, लेकिन उन्होंने नेतनयाहू और गैंट्ज़ दोनों को ही सरकार के गठन में नाकाम रहने के लिए दोषी ठहराया।
बुधवार की रात गैंट्ज़ के साथ मुलाक़ात के बाद नेतनयाहू का कहना था कि दुर्भाग्यवश गैंट्ज़ ने ज़ायोनी राष्ट्रपति के उस प्रस्ताव को ठुकरा दिया, जिसके तहत रोटेशन प्रधान मंत्री के रूप में मुझे यह पद सौंपा जाना था। एक साल से भी कम अवधि में तीसरी बार चुनावों के आयोजन से ज़ायोनी शासन के बीच गहरे मतभेदों का पता चलता है। यह शासन जहां क्षेत्रीय स्तर पर दिन प्रतिदिन कमज़ोर हो रहा है, वहीं आंतरिक स्तर पर भी आपसी गहरे मतभेदों से पता चलता है कि अब वह दिन ज़्यादा दूर नहीं हैं जब फ़िलिस्तीनियों का प्रतिरोध रंग लाएगा और उन्हें उनके मूल अधिकार प्राप्त होंगे।
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