जुबैर शेख
मुम्बई. महाराष्ट्र में सत्ता के नए समीकरण से बीजेपी सिर्फ सरकार से ही बाहर नहीं हो रही है उसे विधान परिषद में भी बड़ा झटका लगने वाला है। इसके पीछे कारण यह है कि साल 2020 में रिक्त हो रहीं 26 में से अधिकांश सीटें अब शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस के हिस्से में जाएंगी। अगर कांग्रेस-एनसीपी और शिवसेना की सरकार आ गई तो गवर्नर नॉमिनी और विधानसभा से चुनकर आने वाली सीटें कम हो जाएंगी। स्थानीय स्वराज्य संस्थाओं में भी बीजेपी को काफी सीटों का नुकसान होगा।
सत्ता के बदलते इस नए समीकरण से बीजेपी के चुने हुए विधायकों को मंत्री पद हाथ से धोने का मलाल तो है ही लेकिन उससे भी बड़ा झटका राज्यपाल मनोनीत 12 सीटों पर आंख गड़ाए उन नेताओं को है जिनसे विधान परिषद सदस्य बनाने का वादा किया गया था। उनका तो राजनीतिक करियर ही दांव पर लग गया है।
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