अब्दुल बासित मलक
नारनौंद,(हिसार)
जननायक जनता पार्टी (जजपा) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पद से इस्तीफा देने वाले विधायक रामकुमार गौतम और हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला के बीच दरार बढ़ती जा रही है। दुष्यंत की लाख कोशिशों के बाद भी दादा की बेबाक बयानी थम नही रही है। उन्होंने आक्रामक तेवर अख्तियार कर लिए हैं। वहीं, इस मुद्दे पर विपक्ष ने भी जजपा पर निशाने साधने शुरू कर दिए हैं। कांग्रेस के पूर्व सीएम बीएस हुड्डा ने कहा कि जजपा में कोई विचारधारा नहीं है। यह मौकापरस्तों की पार्टी है। जजपा के नारनौंद हलके से उम्मीदवार अपनी ही पार्टी के सुप्रीमो दुष्यंत चौटाला के खिलाफ एक बार फिर मुखर हो गए।
एक निजी यू ट्यूब चैनल को गुरुवार को दिए इंटरव्यू में गौतम ने कहा कि दुष्यंत को जिताने में मेरा और सात विधायकों का रोल है। लेकिन अब सबकी अनदेखी की जा रही है। अगर दुष्यंत में इतनी ताकत थी तो सिरसा से चुनाव क्यों नहीं लड़ा। वहां से क्यों भागकर आ गए।
राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पद से इस्तीफा देने पर विधायक ने कहा कि पार्टी जब राष्ट्रीय ही नहीं तो राष्ट्रीय उपाध्यक्ष का क्या मतलब। उन्होंने कहा कि उनके विरोध का कारण न तो कुर्सी प्रेम है और न कोई जातिगत वाली बात है। वह जाटों के समर्थन की वजह से विधायक बने हैं। जाटों ने उनका चुनाव लड़ा है और वोट उन्हें 36 बिरादरी ने दिए हैं। भाजपा के कैप्टन अभिमन्यु बहुत मजबूत थे। विधानसभा चुनाव में जाट बिरादरी साथ नहीं होती तो उनकी बहुत बुरी दुर्गति होनी थी।
उन्होंने कहा कि दुष्यंत चौटाला को हमने डिप्टी चीफ मिनिस्टर बनाया है। उसकी क्या हैसियत थी जीतने की। वह क्या हमारी मदद के बिना उचाना से जीत जाता। अगर हम सारे मदद न करते तो उसे बृजेंद्र की मां बुरी तरह हरातीं।
किरण चौधरी से की सेटिंग:
विधायक गौतम ने आरोप लगाया कि दुष्यंत ने अपनी मां को जिताने के लिए किरण चौधरी से सेटिंग की, तब जाकर वह बाढ़ड़ा से विधायक बनीं। अपनी मां को जिताने के लिए उसने किरण के मुकाबले कमजोर उम्मीदवार मैदान में उतारा, तब जाकर बाढ़ड़ा से जीत मिली। दुष्यंत परिवार पर कटाक्ष करते हुए उन्होंने कहा कि जहां के रहने वाले हैं, वहां के लोगों ने इन लोगों को परख लिया है। वहां तो इनके उम्मीदवार को 4-5 हजार वोट ही मिले हैं।
11 डकार रहा है, एक तो दे दे धानक को गौतम ने दुष्यंत द्वारा 11 विभाग लिए जाने पर एक बार फिर से अपनी भड़ास जमकर निकाली और कहा कि अनूप धानक तो तुम्हारे घर का है, गरीब बिरादरी से है। उसे भी राज्यमंत्री ही बनाया। यह गरीब बिरादरी की तौहीन की है। 11 विभाग डकार रहा है, एक तो दे दे इसे। उसकी भी तौहीन की। उन्होंने कहा कि मेरा अपना आधार है। जोगीराम सिहाग, देवेंद्र बबली का अपना वजूद है। रामनिवास काबिल लड़का है, उसका भी वजूद है। ईश्वर सिंह तो पहले भी एमएलए रहा है, एचपीएससी मेंबर रहा है। पर दुष्यंत ने किसी को छुआ भी नहीं।
मेरा मन नहीं था, पर घर आकर टिकट दे गए
गौतम ने कहा कि मेरा काल आया था बुढ़ापे में। इस गली का पता नहीं था। कुछ लोग एमएलए के लिए हरियाणा का बीज मरवा देते हैं, आईएम वन ऑफ देम। मैं बहुत महापापी आदमी हूं, मैंने बहुत बड़ा पाप किया है। मेरा एमएलए बनना सत्यानाश करने वाला काम हो गया। अबकी बार मेरा मन भी नहीं था, पर घर आकर टिकट दे गए। बेटे ने भी सत्यानाश करवा दिया। औलाद के आगे बेबस होना पड़ता है।
दुष्यंत पर जाट नेताओं को खत्म करने का आरोप
विधायक गौतम ने दुष्यंत चौटाला पर जाट नेताओं को खत्म करने का आरोप भी जड़ा। उन्होंने कहा कि इनका (दुष्यंत) एक फंडा था कि जितने बड़े जाट नेता हैं, उनको खत्म करो। कैप्टन का सर्वे करवाया कि किस तरह हारेगा। कैप्टन अभिमन्यु और अजय चौटाला साढू हैं, लेकिन उस समय कैप्टन को खत्म करना था। सर्वे करवाकर पता करवाया कि कैप्टन को रामकुमार गौतम हरा सकता है। मुझे पागल बना दिया। हुड्डा को हराने के लिए दिग्विजय को खड़ा कर दिया। सुरजेवाला के लिए भी यही सिस्टम था।
सीएम मनोहर लाल के बाद पावरफुल मंत्री को हराया गौतम ने कहा कि तकलीफ मुझे मंत्री न बनने की नहीं, विरोधियों से समझौता करने की है। सेटिंग करके हमारा हलका बेच दिया। पार्टी छोड़ने के बारे में गौतम ने कहा कि एमएलए बनाने में किसी का अहसान थोड़े ही है, जनता ने बनाया है। मैं एमएलए रहूंगा। केवल पद से इस्तीफा दिया है। मैं तो पांच साल के लिए एमएलए बना हूं। जब तक ऐसे हालात नहीं बनते कि पार्टी छोड़ने की नौबत आ जाए, इस्तीफा नहीं दूंगा। एमएलए बना हूं तो अपनी ताकत से बना हूं। जितने वोट उसने मुझे दिलवाए हैं, उससे ज्यादा मैंने उन्हें दिलवाए हैं।
पिता और दादा से कुछ नहीं सीखा:
गौतम ने कहा कि कहा कि इनके पिता-दादा पर आय से अधिक संपत्ति का मुकदमा चला, फिर भी इसने कुछ नहीं सीखा। हरेक जानता है कि जब आदमी आता है, खाली हाथ आता है। जाता है तो भी खाली हाथ जाता है। ये तो मोहम्मद गजनवी बन रहे हैं। बाकी एमएलए भी खुश नहीं हैं, लेकिन जता नहीं रहे। वे भी इससे अधिक काबिल हैं।
जजपा नेताओं की कोई विचारधारा नहीं, सभी मौकापरस्त : हुड्डा
हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने जजपा पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि जजपा के नेता एक-दूसरे से किसी विचारधारा से नहीं बंधे हैं। हुड्डा ने कहा कि जिस तरह जजपा बनी है और उसका सरकार बनाने के लिए गठबंधन हुआ है, यह दर्शाता है कि उनमें मतभेद हैं। इन सबकी समान विचारधारा नहीं है। ये सभी मौकापरस्त हैं। कांग्रेस नेता ने भाजपा और जजपा गठबंधन सरकार को अपना कॉमन मिनिमम प्रोग्राम जारी न करने पर भी आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि तीन महीने हो गए लेकिन गठबंधन सरकार आगे क्या करेगी, उसे यह भी नहीं पता।
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