आदिल अहमद
अमरीकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप पर महाभियोग के मामले में संसद के निचले सदन हाउस ऑफ़ रिप्रेज़ेन्टेटिव में बहस शुरू हो गई है। स्थानीय समयानुसार देर शाम इस पर वोटिंग हो सकती है। अमरीकी संसद के निचले सदन में डेमोक्रेटिक्स का बहुमत है और इसलीए उम्मीद की जा रही है कि वोटिंग में महाभियोग प्रस्ताव पारित हो जाएगा।
डेमोक्रेटिक सांसद बुधवार को रिपब्लिकन राष्ट्रपति के ख़िलाफ़ महाभियोग के दो आरोपों को मंज़ूरी देने के लिए तैयार हैं। निचले सदन से प्रस्ताव पारित हो जाने के बाद ऊपरी सदन सीनेट में मुक़दमा चलेगा। ट्रंप को अगले महीने सीनेट में मुक़दमे का सामना करना पड़ सकता है, लेकिन यहां उनकी पार्टी को बहुमत हासिल है। ऐसे में नहीं लगता है कि उन्हें पद से हटाया जा सकेगा। ट्रंप ने इस महाभियोगा प्रक्रिया को “तख्तापलट की कोशिश” और “घोटाला” बताया है।
ट्रंप पर आरोप हैं कि उन्होंने यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडीमिर ज़ेलेंस्की पर 2020 में डेमोक्रेटिक पार्टी के संभावित उम्मीदवार जो बाइडेन और उनके बेटे के ख़िलाफ़ भ्रष्टाचार की जांच के लिए दबाव बनाया है। बाइडेन के बेटे उक्रेन की एक ऊर्जा कंपनी में बड़े अधिकारी हैं। महाभियोग प्रक्रिया के तहत ट्रंप और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडीमिर ज़ेलेंस्की के बीच हुई फ़ोन वार्ता की जांच हुई और डेमोक्रेटिक पार्टी के नियंत्रण वाली न्यायिक समिति ने उनके ख़िलाफ़ औपचारिक आरोप तय कर दिए हैं।
इस फ़ोन वार्ता में राष्ट्रपति ट्रंप ने कथित तौर पर यूक्रेनी ऊर्जा कंपनी बुरिज़्मा के लिए काम कर चुके जो बाइडेन (अगले साल होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में डेमोक्रेटिक पार्टी के मुख्य उम्मीदवार) और उनके बेटे हंटर बाइडेन के ख़िलाफ़ जांच करने के लिए कहा था।
न्यायिक समिति के चेयरमेन और डेमोक्रेटिक नेता जेरी नाडलेर के अनुसार ट्रंप के ख़िलाफ़ दो मुख्य आरोप हैं। पहला कि ट्रंप ने सत्ता का दुरुपयोग किया है और दूसरा ये कि राष्ट्रपति ने संसद के काम में बाधा डाली। राष्ट्रपति पर आरोप है कि उन्होंने अपने राजनीतिक लाभ के लिए यूक्रेन को मिलने वाली आर्थिक मदद को रोक दिया था।
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