अनिल कुमार
रांची: हेमंत सोरेन झारखंड के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के तत्काल बाद ही अपनी पहली कैबिनेट बैठक में दो साल पहले पत्थलगड़ी को लेकर हुए आंदोलन के दौरान दर्ज मामले वापस लेने का फैसला किया। इसके साथ-साथ राज्य के पारा शिक्षकों एवं आंगनवाड़ी सेविकाओं समेत सभी अनुबंधकर्मियों के बकाये का जल्द से जल्द भुगतान किये जाने का भी फैसला लिया है।
इसके अलावा राज्य सरकार ने महिलाओं तथा नाबालिगों के यौन उत्पीड़न एवं उनके खिलाफ अन्य अपराधों के बारे में सुनवाई करने के लिए हर जिले में त्वरित अदालत के गठन का निर्णय लिया और इस उद्देश्य से न्यायिक अधिकारियों के आवश्यक पदों के सृजन का भी फैसला लिया गया। मंत्रिमंडल ने निर्देश दिया कि सभी जिले के उपायुक्त विभिन्न प्रकार के अनुबंध कर्मियों, आंगनबाड़ी सेविकाओं, सहायिकाओं, विभिन्न श्रेणियों के पेंशन भोगियों, सभी प्रकार की छात्रवृत्तियों के लाभार्थियों एवं पारा शिक्षकों से संबंधित सभी लंबित भुगतान पूर्ण कराने के लिए प्रखंड तथा पंचायत स्तर पर शिविर लगाकर कार्रवाई करें।
मंत्रिमंडल में यह भी फैसला किया गया कि सभी उपायुक्त यथाशीघ्र अपने-अपने जिलों में गरीब एवं पात्र व्यक्तियों के बीच कंबल और ऊनी टोपी वितरण का कार्य संपन्न कराएं। साथ ही जाड़े से राहत के लिए सार्वजनिक स्थलों पर अलाव की व्यवस्था की जाय।
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