तारिक खान
नई दिल्ली: मुख्य न्यायाधीश एसए बोबड़े ने न्याय के नाम पर की जाने वाली हत्याओं की निंदा करते हुवे कहा है कि जब न्याय प्रतिशोध का रूप ले लेता है तो वह अपना चरित्र गंवा देता है। वह कभी भी त्वरित नही हो सकता है। ये बात चीफ जस्टिस ने जोधपुर में शनिवार को आयोजित एक कार्यक्रम में कही।
हालांकि, उन्होंने माना है कि भारतीय न्याय व्यवस्था में आमूल-चूल परिवर्तन करने की सख्त जरूरत है। उन्होंने कहा कि इसमें कोई शक नहीं कि आपराधिक न्यायिक व्यवस्था में बड़ा बदलाव चाहिए, मामलों को निपटाए जाने में इतना समय क्यों लगता है इस पर भी सोचे जाने की जरूरत है। इस मौके पर उन्होंने कहा कि तकनीक और मामलों को निपटाने के नए तरीकों से फैसले सुनाने में जल्दी की जा सकती है और इससे अदालत का वक्त ही बचेगा।
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