तारिक खान
नई दिल्ली: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने नागरिकता संशोधन कानून पारित होने के बाद उत्तर प्रदेश में बदले हालात को लेकर स्वत: संज्ञान लिया और राज्य सरकार को नोटिस जारी किया है। मुख्य न्यायाधीश गोविंद माथुर और जस्टिस विवेक वर्मा की पीठ ने उन न्यूज रिपोर्ट्स पर संज्ञान लिया है जिसमें बताया गया है कि उत्तर प्रदेश राज्य की स्थिति मूल संवैधानिक मूल्यों के खिलाफ है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इस मामले में वरिष्ठ वकील एसएफए नकवी और वकील रमेश कुमार को न्यायमित्र (एमिकस क्यूरी) नियुक्त किया है। मामले की अगली सुनवाई 16 जनवरी को होगी।
लाइव लॉ के मुताबिक, न्यायालय ने बॉम्बे हाईकोर्ट के वकील अजय कुमार द्वारा लिखे गए ईमेल को एक जनहित याचिका माना और यूपी सरकार को नोटिस जारी किया। कोर्ट ने कहा, ‘राज्य सरकार को नोटिस जारी किया जाए कि क्यों याचिका में उठाई गई मांगों को लेकर निर्देश नहीं जारी किया जाए।’ वकील द्वारा भेजे गए ईमेल में न्यूयॉर्क टाइम्स और टेलीग्राफ की खबरों का हवाला दिया गया। पीठ ने इंडियन एक्सप्रेस के लखनऊ संस्करण में छपे एक रिपोर्ट को भी संज्ञान में लिया है।
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