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दालमंडी शेखू हत्या काण्ड – किसी ने नहीं मारा पूर्व मंत्री के भाई को, बचाव पक्ष की दलील पड़ी अभियोजन पर भारी, सभी आरोपी बेनिफिट आफ डाऊट पाकर हुवे बरी

तारिक आज़मी

वाराणसी। शहर के बहुचर्चित दालमंडी में हुवे शेखू हत्याकांड में सभी आरोपी दोषमुक्त करार दे दिए गए है। आज अपर सत्र न्यायधीश (तृतीय) राजेश्वर शुक्ल की अदालत में इस हत्याकांड में आरोपी क्रमशः बड़े मिर्ज़ा उर्फ़ जियाउद्दीन, शाहरुख़, वाजिद, फैजी हसन, फैजान, राहुल बिन्द, मनीष सेठ उर्फ़ सनी, शेख मिर्ज़ा, नाजिम मिर्ज़ा उर्फ़ शानू मिर्ज़ा को साक्ष्यो के अभाव में अदालत ने दोषमुक्त करार दे दिया। मृतक शोएब उर्फ़ शेखू तत्कालीन राज्य मंत्री शकील अहमद बबलू का भाई था। सभी आरोपियों को सबूतों के न होने पर बेनिफिट आफ डाउट देते हुवे अदालत ने दोषमुक्त किया है।

बताते चले कि ११ सितम्बर 2012 की वह सुबह काफी भयानक थी, जब अहले सुबह ही चौक थाना क्षेत्र का दालमंडी इलाका गोलियों की तडतडाहट से गूंज उठी थी। अपराधियों ने पूर्व राज्य मंत्री शकील अहमद बबलू के भाई शोएब उर्फ़ शेखू की ताज होटल के पास गोली मार कर हत्या कर दिया था। घटना में दर्ज तहरीर के मुताबिक कुंदिगढ़ टोला दालमंडी निवासी इस घटना के चश्मदीद गवाह मोहम्मद कलीम ने अपनी तहरीर में बताया था कि वह ११ सितम्बर 2012 की सुबह लगभग 7 बजे जब दालमंडी स्थित ताज होटल के समीप खड़ा था तभी उस जगह पूर्व राज्य मंत्री शकील अहमद बबलू का भाई मोहम्मद शुएब उर्फ़ शेखू भी आ गया। इसके बाद आये हमलावरों ने शेखू को गोलियों से छलनी कर डाला था। अचानक हुई इस घटना से क्षेत्र में अफरातफरी का माहोल कायम हो गया था और भीड़ मौके पर पहुचने लगी थी। इस दौरान मौके से हमलावर शेखू को मार कर फरार हो चुके था। आनन-फानन में आसपास के लोगों की मदद से उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां चिकित्सको ने उसको मृत घोषित कर दिया।

घटना में बड़े मिर्ज़ा उर्फ़ जियाउद्दीन मिर्ज़ा, शाहरुख़, वाजिद, फैजी हसन, फैजान, राहुल बिंद, मनीष सेठ उर्फ़ सनी, नाजिम उर्फ़ शानू मिर्ज़ा और शेख मिर्ज़ा को नामज़द करते हुवे रिपोर्ट दर्ज करवाया था। इसके बाद आज अदालत ने फैसले पर सभी आरोपियों को शक की बिना पर आज अदालत ने बरी कर दिया है। इस मामले में बचाव पक्ष के तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता अनुज यादव ने बहस किया था। अभियोजन पक्ष मामले में पुख्ता सबूत अदालत के सामने रखने में फेल रहा।

आज फैसला आने के बाद जहा एक तरफ एक खेमे में खुशिया तैर रही थी, वही दूसरी तरफ मृतक के परिवार में सियापा बरपा रहा है। कही न कही से प्रकरण में अभियोजन पक्ष और चौक पुलिस की कमी ही इसको कहेगे कि उसने इतने सालो में कोई पुख्ता और ठोस साक्ष्य वह इकठ्ठा नही कर पाई। फैसले पर अपनी प्रतिक्रिया किसी की कुछ भी हो मगर जिस शख्स ने अपना भाई खोया था, आज उदासी के माहोल में नज़र आया। प्रकरण में पूर्व मंत्री शकील अहमद बबलू के तरफ से अभी तक कोई प्रतिक्रिया नही आई है। वही पारिवारिक सूत्रों की माने तो स्वास्थ ख़राब होने के कारण पूर्व मंत्री आज कल घर पर ही रहते है। पिछले काफी समय से उनका स्वास्थ काफी ख़राब चल रहा है। वही मृतक के परिजनों ने किसी प्रकार का बयान जारी करने से भी अभी मना किया है।

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