आफताब फारुकी
नई दिल्ली: दिल्ली स्थित जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में हालिया हिंसा के बाद बॉलीवुड अभिनेत्री दीपिका पादुकोण के जेएनयू पहुंचने का मामला अब राजनैतिक तुल पकड़ता जा रहा है। इस दौरे पर विश्व हिंदू परिषद के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने बुधवार को कहा कि दीपिका को स्पष्ट करना चाहिए कि वह वहां किसके साथ एकजुटता दिखाने गई थीं।
परांडे ने जोर देकर कहा कि देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था में हिंसा का कोई स्थान नहीं है और 34 वर्षीय अभिनेत्री को स्पष्ट करना चाहिए कि वह जेएनयू विद्यार्थियों के किस तबके के साथ हैं। जेएनयू हिंसा मामले में केंद्र सरकार पर बॉलीवुड निर्माता-निर्देशक अनुराग कश्यप के तीखे हमलों के बारे में पूछे जाने पर विहिप महामंत्री ने किसी का नाम लिए बगैर कहा, “मुझे लगता है कि इस तरह का रुख रखना कुछ लोगों के लिए फैशनेबल बात हो गई है। अगर कोई भी व्यक्ति देशहित के खिलाफ बात करता है, तो यह सरासर गलत है और इसे हम कतई स्वीकार नहीं कर सकते।
उन्होंने कहा कि भले ही ये बातें कितनी भी बड़ी और मशहूर हस्तियों के मुंह से निकली हों।” परांडे ने कहा, “इन दिनों जिस तरह देश विरोधी ताकतों द्वारा एक साजिश के तहत जेएनयू और जामिया मिलिया इस्लामिया जैसे उच्च शिक्षा संस्थानों में हिंसा का उपयोग किया जा रहा है, उसे मैं बेहद खतरनाक मानता हूं। इन परिसरों में हिंसक आंदोलनों का आह्वान करने वाले लोगों को सजा मिलनी चाहिए।”
कांग्रेस ने दिया जवाब – क्या उन्हें नागपुर जाना चाहिए
कांग्रेस ने दीपिका पादुकोण को लेकर बीजेपी की टिप्पणी पर जवाब देते हुए कहा कि तो क्या दीपिका को जेएनयू की जगह नागपुर जाना चाहिए। कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेरा ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि यह बताता है कि यह सरकार कैसी है। बीजेपी वाले इस स्तर तक गिर चुके हैं कि अगर अब बॉलीवुड एक्टर अगर जेएनयू जाएं तो ये उनके खिलाफ ट्वीट करेंगे और उनकी फिल्म का बहिष्कार करेंगे। तो क्या उन्हें अपनी फिल्म की प्रमोशन के लिए जेएनयू की जगह नागपुर में संघ मुख्यालय जाना चाहिए।
कांग्रेस प्रवक्ता खेरा ने देश के युवाओं के मुद्दों की अनदेखी करने के लिए पीएम मोदी और गृहमंत्री अमित शाह की आलोचना की है। हमें उम्मीद थी कि पीएम मोदी और अमित शाह जेएनयू जाएंगे और वहां छात्रों से मिलकर उनकी बात सुनेंगे, लेकिन बीजेपी दीपिका पादुकोण की आलोचना करने में ही लगी रही।
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