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पत्रकारो हेतु सरकारी दावे निकले खोखले, पुलिस कर्मियों ने ही प्रताड़ित किया पत्रकार को, नही उठा थाना प्रभारी का सीयुजी नंबर

संजय ठाकुर

मऊ. भले ही प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ पत्रकारों के सम्मान हेतु जितने भी दिशा निर्देश जारी करे अथवा पुलिस मुखिया ओपी सिंह लाख पत्रकारों का सम्मान करने हेतु अपने अधिनस्थो को दिशा निर्देश देते रहे. मगर उत्तर प्रदेश में पत्रकारों की सुरक्षा की स्थिति जस की तस बनी हुई है. समय समय पर पत्रकारों के साथ पुलिस के दुर्व्यवहार की जानकारी आती रही है. ऐसा ही एक मामला बीती रात मऊ जनपद के एक वरिष्ठ पत्रकार के साथ हुआ, जब वह अपने घर को जा रहे थे, तभी रास्ते में बुनकर कालोनी के निकट दो सिपाहियों के द्वारा उन्हें अभद्र तरीके से रोका गया और उनसे तलाशी के नाम पर अभद्रता किया गया.

इस दौरान पत्रकार ने अपना परिचय भी दिया मगर आरोप है कि वर्दी के नशे में धुत सिपाहियों ने उनकी एक न सुनी और उलटे उनके ऊपर हमलावर हो गए. पीड़ित पत्रकार ऋषिकेश पाण्डेय के कथनानुसार सिपाहियों ने उनको धमकी दिया, उनका मोबाइल छीन लिया और उनसे अभद्र किया. इस दौरान पीड़ित पत्रकार एसपी मऊ और स्थानीय थाना प्रभारी को फोन करता ही रह गया मगर उन दोनों अधिकारियो का सीयुजी नंबर ही नहीं उठा और घंटी बजती रही.

सुबह होने पर घटना की जानकारी जनपद के पत्रकारों को होने के बाद पत्रकारों में रोष व्याप्त हो गया. जनपद के वरिष्ठ पत्रकार एवं आज समाचार पत्र के ब्यूरो चीफ ऋषिकेश पांडे के साथ बुधवार रात्रि हुई इस घटना क्रम के बाद से पत्रकारों में रोष व्याप्त हो गया. इसके विरुद्ध कोपागंज में एक सभा कर अपना आक्रोश व्यक्त किया। पत्रकारों ने इस संबंध में पुलिस के उच्चाधिकारियों से शीघ्रातिशीघ्र कार्रवाई की मांग करते हुए जिला मुख्यालय पर कार्रवाई होने तक धरना प्रदर्शन जारी रखने की चेतावनी।

इस दौरान पत्रकार अजीत कुमार पांडे (जिला संयोजक पत्रकार प्रेस क्लब) ने कहा कि जिले के वरिष्ठ पत्रकार व हम सबके मार्गदर्शक ऋषिकेश पांडे के साथ जो घटना घटित हुई है उसकी हम सभी घोर निंदा करते हैं। हम सब एक होकर कप्तान से बात करेंगे और उनसे यह सवाल करेंगे कि क्या  अधिकारी पत्रकारों से रात में बात नहीं कर सकते और यदि अधिकारी फोन नहीं रिसीव करते तो इसका क्या कारण है? अभी अभी हाल में मुख्यमंत्री के आदेश अनुसार यह तय हुआ था कि पत्रकारों को सम्मान दिया जाएगा। लेकिन क्या कारण है कि जिससे आए दिन कोई न कोई जिले में ऐसी घटना सुर्खियों का कारण बन रही हैं? यदि एसपी व एसओ मुख्यमंत्री के आदेश के बाद भी ऐसा कार्य कर रहे हैं और जिले के आला अधिकारी इस संदर्भ में अपनी चुप्पी नहीं तोड़ेंगे तो जनपद के संपूर्ण पत्रकार एक होकर मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपेंगे।

कोपागंज के वरिष्ठ पत्रकार धीरेंद्र त्रिपाठी ने कहा की ऋषिकेश पांडे के साथ किया गया व्यवहार पूर्ण रूप से अक्षम्य है। प्रदेश सरकार व प्रदेश के पुलिस प्रशासन द्वारा यदि शीघ्र अति शीघ्र उचित कार्रवाई नहीं की गई तो पत्रकार समाज एक बड़े आंदोलन के लिए विवश होगा। कोपागंज के पत्रकार मधुसूदन त्रिपाठी ने कहा कि अब जनपद के अधिकारियों से सीधा सवाल किया जाए कि आप मुख्यमंत्री व डीजीपी का हुक्म मानते हैं या नहीं? मानते हैं, अपने मनमाने तरीके से कानून व्यवस्था को क्यों चला रहे हैं, आप लोग? जब पत्रकारों से इस प्रकार का व्यवहार हो रहा हैं, तो क्या सबूत है कि आम जनता के साथ कुशल व्यवहार बातें करते होंगे?

इस दौरान धीरेंद्र चौरसिया, अविनाश पांडे, अमित त्रिपाठी, अरुण राय, विजय तिवारी,  पंकज तिवारी, संतोष पांडे,  अशोक ठाकुर, डॉ अनिल सिंह, मुनीर आलम आदि पत्रकार उपस्थित रहे।

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