हर्मेश भाटिया
नई दिल्ली: देश भर में ज़बरदस्त विरोध प्रदर्शनों के बावजूद नागरिकता संशोधन क़ानून शुक्रवार से यानी 10 जनवरी से लागू हो गया है। इस कानून के संसद से पारित होने के बाद ही देश के कई शहरों में विरोध प्रदर्शन चल रहे हैं। कई शहरों में इसके समर्थन में भी रैलियां हुई हैं। बीजेपी ने इस क़ानून के बारे में लोगों को जानकारी देने के लिए एक अभियान भी शुरू किया है।
इस कानून में पड़ोसी देशों के अल्पसंख्यकों को आसानी से भारत की नागरिकता मिलेगी। नागरिकता हासिल करने के लिए उन्हें यहां कम से कम 6 साल बिताने होंगे। पहले नागरिकता हासिल करने के लिए कम से कम 11 साल बिताने का पैमाना तय था। पाकिस्तान, अफगानिस्तान, बांग्लादेश और आस-पास के देशों के हिंदू, ईसाई, सिख, पारसी, जैन और बौद्ध धर्म के वो लोग जिन्होंने 31 दिसंबर 2014 की निर्णायक तारीख तक भारत में प्रवेश कर लिया था। वे सभी भारत की नागरिकता के लिए आवेदन कर सकते हैं। ओसीआई कार्ड धारक यदि नियमों का उल्लंघन करते हैं तो केंद्र के पास उनका कार्ड रद्द करने का अधिकार होगा। ओसीआई कार्ड स्थायी रूप से विदेश में बसे भारतीयों को दिए जाने वाला कार्ड है।
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