आफताब फारुकी
कोझिकोड: इतिहासकार रामचंद्र गुहा ने शुक्रवार को कहा कि ‘खानदान की पांचवी पीढ़ी‘ के राहुल गांधी के पास भारतीय राजनीति में ‘कठोर परिश्रमी और खुद मुकाम बनाने वाले‘ नरेंद्र मोदी के सामने कोई मौका नहीं है और केरल के लोगों ने कांग्रेस नेता को संसद के लिए चुनकर विनाशकारी कार्य किया है। गुहा ने कहा कि कांग्रेस का स्वतंत्रता संग्राम के समय ‘महान पार्टी‘ से आज ‘दयनीय पारिवारिक कंपनी‘ बनने के पीछे एक वजह भारत में हिंदुत्व और अंधराष्ट्रीयता का बढ़ना है।
उन्होंने कहा, ‘नरेंद्र मोदी की असली बढ़त यह है कि वह राहुल गांधी नहीं हैं। उन्होंने खुद यह मुकाम हासिल किया है। उन्होंने 15 साल तक राज्य को चलाया है और उनमें प्रशासनिक अनुभव है। वह उल्लेखनीय रूप से कठिन परिश्रम करते हैं और कभी यूरोप जाने के लिए छुट्टी नहीं लेते। मेरा विश्वास कीजिए, मैं यह सब गंभीरता से कह रहा हूं।’ उन्होंने कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी पर भी निशाना साधा और ‘मुगल वंश के आखिरी‘ दौर से उनकी स्थिति की तुलना की।
इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, उन्होंने कहा, ‘भारत अधिक लोकतांत्रिक और कम सामंती होता जा रहा है, और गांधीवाद को इसका एहसास नहीं है। आप (सोनिया) दिल्ली में हैं, आपका राज्य अधिक से अधिक सिकुड़ रहा है, लेकिन फिर भी आपके चम्चा (चाटुकार) आपको बता रहे हैं कि आप अभी भी बादशाह हैं। उन्होंने कहा कि अगर आज राहुल गांधी गायब हो जाते हैं तो मोदी को अपनी नीतियों और वे क्यों विफल हुए के बारे में बात करनी पड़ेगी।
भारतीय वामपंथियों को पाखंडी बताते हुए गुहा ने कहा कि यह तथ्य कि वे भारत से अधिक अन्य देशों से प्यार किया। उन्होंने ‘दुनिया भर में आक्रामक राष्ट्रवाद का उदय’ और ‘पड़ोसी देशों में इस्लामी कट्टरवाद का उदय’ जैसे कुछ अन्य कारणों को भारत में हाल के दिनों में हिंदुत्व के उदय का कारण बताया। इतिहासकार विलियम डेलरिम्पल और बेन्यामिन, नमिता गोखले, चेतन भगत जैसे उपन्यासकार के साथ पत्रकार करण थापर और राजदीप सरदेसाई इस चार दिवसीय समारोह में शामिल होंगे। केएलएफ 2020 का मुख्य विषय पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन है।
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