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फर्जी बिलों के जरिए चल रहा लकड़ी का धंधा, 250 फर्मे सीजीएसटी ने पकड़ी

अब्दुल बासित मलक

यमुनानगर:- जिले में लकड़ी का धंधा फर्जी बिलों के जरिए चल रहा है। आढ़ती बोगस फर्मो के बिल दिखाकर टैक्स की चोरी कर रहे हैं। सीजीएसटी की जांच में करीब 250 ऐसे केस सामने आए हैं। इन फर्मो से दिल्ली, फरीदाबाद से लक्कड़ मंगवाना दिखाया है। बिलों में भी खेल कर करीब तीन करोड़ का राजस्व चोरी किया है। अब इन फर्मो को नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है। हालांकि इनमें से कुछ ने ही दस्तावेज पेश किए हैं। नोटिस का जवाब न देने वालों पर पैनल्टी भी लगाई जा सकती है।

यमुनानगर में एशिया की सबसे बड़ी लक्कड़ मंडी है। जगाधरी में मानकपुर व यमुनानगर में मंडौली मंडी में हर रोज 1200 से 1500 ट्रॉलियां व ट्रक लकड़ी लेकर यहां आते हैं यहां पर पंजाब, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश से सफेदा व पोपलर की लकड़ी आती है। जीएसटी लागू होने के साथ ही व्यापारियों ने इसका भी तोड़ निकाल लिया। अब फर्जी बिलों के जरिए टैक्स की चोरी की जा रही है। बोगस फर्मो से माल खरीदना दिखाया गया है। उदाहरण के तौर पर यदि किसी व्यापारी ने पांच लाख का माल खरीदा है, तो टैक्स चोरी करने के लिए बोगस फर्म के बिल में उसे कम दिखा देते हैं।

बिलों में वाहन के नंबर भी फर्जी :

सीजीएसटी की टीम ने जब जांच की, तो सामने आया कि दिल्ली व फरीदाबाद की फर्मो से माल खरीदना दिखाया गया है। जिन वाहनों का नंबर बिल में दिया गया है। उनमें से कुछ ट्रैक्टर ट्रॉलियों के हैं, तो कुछ नंबर रजिस्टर्ड ही नहीं है। जबकि दिल्ली या फरीदाबाद से माल केवल ट्रकों में ही आ सकता है। दूसरा जिस फर्म का बिल दिया गया है। उसका पता भी पॉश एरिया का दिखाया गया है। वहां से लकड़ी का व्यापार नहीं हो सकता। इसी आधार पर सीजीएसटी ने यह घपला पकड़ा है। स्थानीय फर्मो को नोटिस दिए जा रहे हैं। साथ ही दिल्ली, फरीदाबाद, हिसार की बोगस फर्मो के बारे में वहां की शाखा को जांच करने के लिए लिखा गया है।

नोटिस का नहीं दे रहे जवाब :

सीजीएसटी के अधिकारियों के मुताबिक, सेक्शन 70 के तहत टैक्स चोरी करने वालों को नोटिस दिया जाता है। इस सेक्शन के तहत ही फर्जी बिलों से व्यापार करने वाले लकड़ी के व्यापारियों को नोटिस दिए गए, लेकिन वह जवाब नहीं दे रहे हैं। कुछ फर्मो को तीन से चार बार नोटिस देकर दस्तावेज दिखाने के लिए कहा गया है, लेकिन वह नहीं आए। अक्सर अकाउंटेंट उन्हें नोटिस को अधिक गंभीरता से नहीं लेने के लिए कह देते हैं।

पैनल्टी लगाने का है प्रावधान :

सीजीएसटी के अधीक्षक राकेश गर्ग ने बताया कि नोटिस का जवाब न देने वालों पर सेक्शन 122(3)(डी) के तहत पैनल्टी लग सकती है। एक बार में यह 25 हजार तक हो सकती है। इसके तहत जिस फर्म पर पैनल्टी लगी है, उसके खाते से यह राशि काट ली जाएगी। अब जो फर्मे नोटिस का जवाब नहीं दे रही है। उन पर पैनल्टी लगाई जाएगी।

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