सरताज खान
गाजियाबाद लोनी। ट्रॉनिका सिटी औद्योगिक एरिया में एसटीडी चौक के पास गुरुवार देर रात गाड़ियों की फिल्टर बनाने के फैक्ट्री में लगी आग से एक शव पुलिस को बरामद हो गया था। वही पुलिस को सर्च ऑपरेशन के दौरान शुक्रवार सुबह वहां काम करने वाले एक ओर व्यक्ति का शव मशीन के नीचे दबा हुआ मिला। पुलिस ने शव पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। वहीं फैक्ट्री में आग लगने से लाखों का सामान भी जलकर खाक हो गया है। मृतक के परिजनों ने फैक्ट्री मालिक के खिलाफ लापरवाही का मुकदमा दर्ज कराया है।
जानकारी के अनुसार दिल्ली निवासी लवी अहुजा की ट्रॉनिका सिटी ऑद्योगिक क्षेत्र में अल्फा के नाम से फिल्टर बनाने की फैक्ट्री फैक्ट्री है। जिसमें आग लगने के बाद दमकल कर्मी देर रात तक आग काबू करने में जुटे रहे।फैक्ट्री में रखे कागज के बंडलों और कैमिकल में आग लगने बाद शुक्रवार को भी बंडलों में आग सुलगती रही। आग बुझने के बाद पुलिस ने फैक्ट्री के अंदर सर्च ऑपेरशन चलाया। करीब डेढ़ घटे की मशक्कत के बाद पुलिस को बोयलर के नीचे से वहां काम करने वाले एक ओर युवक का शव मिला है। शव मिलने पर महकमें में हडकंप मच गया। पुलिस ने शव को कब्जे लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। पुलिस के अनुसार शव करीब 80 फीसदी कंकाल हो चुका था। शव मिलने के बाद भी पुलिस ने करीब एक घंटे तक सर्च ऑपरेशन चलाया। पुलिस को आशंका है कि मशीन के नीचे मिला मृतक दूसरा युवक मशीन में कुछ काम कर रहा था। वहीं फैक्ट्री के हादसे में दो युवको की मौत के बाद दिन भर आस-पास इलाके में लोग चर्चा करते हुए नजर आए।
फैक्ट्री में रखा लाखों का सामान जलकर खाक
जानकारी के अनुसार लवी अहुजा की फैक्ट्री में रोजाना 50 से अधिक कारीगर काम करते हैं। फैक्ट्री में बनने वाले फिल्टर देश के अलग-अलग हिस्सों में सप्लाई होते है। यह फैक्ट्री दो हिस्सों में बनी हुई है। एक हिस्से में फिल्टर बनते है वहीं दूसरे हिस्से में फिल्टरों की पेकिंग होती है। बृहस्पतिवार रात लगी आग में फैक्ट्री के पीछे वाले हिस्से में आग लगी। गनीमत रही कि आग फैक्ट्री के आगे वाले हिस्से में नहीं पहुंची। वहीं आग लगने में लाखों रुपये का सामान और मशीन जलकर खाक हो गई।
घर न पहुंचने पर ढूंढते रहे परिजन
गाड़ियों के फिल्टर बनाने की फैक्ट्री में काम करने वाले दो मृतकों के परिजनों को दिन निकलने के बाद भी नहीं पता चला कि उनके घर के दो चिराज अब इस दुनिया में नहीं रहे। दोनों के परिजन सुबह सात बजे से अपने चिरागों के घर लोटने की राह देखते रहे, लेकिन उनके चिराग अब इस दुनिया में नहीं थे। घर नहीं पहुचने पर दोनों के परिवार पहले तो फैक्ट्री में पहुंचे, कुछ समझ नहीं आने पर वह ट्रॉनिका सिटी थाने पहुंचे। यहां उन्हें हादसे की जानकारी हुई।
हादसे से उजड़ गये दो परिवार
मुलरूप से बुलंदशहर में रहने वाले सुंदरपाल परिवार के साथ रामपार्क इनाम विहार कालोनी में रहते थे। घर में पत्नी सुषमा, बेटी दिव्यांषी समेत परिवार के अन्य सदस्य रहते हैं। वहीं इनके घर से कुछ दूरी पर रहने वाले आकाश(20) अपनी मां दीपमाला, एक भाई और एक बहन के साथ रहते थे। सुंदरपाल और आकाश गाड़ियों के फिल्टर बनाने की फैक्ट्री में काम करते थे।
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