वाजिद अली/ तारिक खान
प्रयागराज. एनआरसी एनपीआर और सीएए से आज़ादी की लड़ाई अब काफी व्यापक हो गई है।मंसूर अली पार्क में सायरा अहमद द्वारा 28 दिन पहले शुरु किया गया आन्दोलन शहर से होते हुआ गाँव क़सबों तक पहोँच गया है। हर ओर से बस एक ही आवाज़ बुलन्द हो रही की हम लेकर रहेंगे आज़ादी, हम छीन के लेंगे आज़ादी।महिलाओं का जोश दिन प्रतिदिन प्रवान चढ़ता जा रहा है।
इन्क़ेलाबी जज़बे के साथ बड़ी संख्या में महिलाएँ युवतियाँ व युवा जोश के साथ तिरंगा लेकर एक स्वर में आवाज़ दो हम एक हैं के नारे लगाते हुए जुलूस लेकर मंसूर अली पार्क पहोँच कर केन्द्र सरकार की हठधर्मि और अपने हक़ की लड़ाई को आगे आ रहे हैं।रविवार को धरने के २९ वें दिन भी बड़ी संख्या में लोग जुलूस लेकर मंसूर अली पार्क पहोँचे। करैली के ग़ौस नगर, चकिया, शाहगंज के सब्ज़ी मण्डी, बख्शी बाज़ार, दायरा शाह अजमल, बैदनटोला, अटाला सहित ग्रामीण क्षेत्र के अहमदपुर, असरौली, ऐनउद्दीनपुर, कसारी मसारी से हज़ारों महिलाओं व युवतियों संग बड़ी संख्या में नौजवानों ने तिरंगा लहराते हुए मंसूर अली पार्क का रुख किया।
कई क्षेत्रों से निकले जुलूस को प्रशासन द्वारा रोकने का प्रयास भी किया गया और वीडियो भी बनाई गई लेकिन महिलाओं के भारी हुजूम और जोश के आगे पुलिस भी बैकफुट पर आ गई और जुलूस अपने तय मुक़ाम पर पहुच गया। सायरा अहमद, सबीहा मोहानी खुशनूमा बानों धरना स्थल पर जुलूस के पहुचने पर जहाँ उन्हें बैठने और शान्ति से धरने को चलाने की बात माईक से करती रहीं वहीं जोश से लबरेज़ युवा सायरा तुम संघर्ष करो हम तुम्हारे साथ हैं, महिलाओं के सम्मान में नौजवान मैदान में, रौशनबाग़ ज़िन्दाबाद के नारे लगा कर महिलाओं का उत्साह बढ़ाते रहे।
मंसूर पार्क में चल रहे धरने में जहाँ छोटे छोटे बच्चे व बच्चियाँ देश भक्ति से सराबोर तराने गा कर लोगों को प्रेरित करते रहे वही दिन बीतने के साथ बड़ी संख्या में वक्ताओं ने क़ानून को वापस लेने तक आन्दोलन जारी रखने और एनपीआर एनआरसी और सीएए के आने पर मुस्लिमों के साथ दलितों, पिछड़ों आदिवासीयों, मज़दूरों, शोषित समाज और भूमिहीनों को होने वाली परेशानी से आज़ादी की बात कहते हुए केन्द्र सरकार से इसे वापिस लेने को आवाज़ बुलन्द की। धरना स्थल के बाहर धरने को व्यवस्थित करने से लेकर चाय खाने और पानी के साथ महिलाओं की सुरक्षा को बड़ी संख्या समाजसेवियों ने मोर्चा सम्भाल रखा था।