आदिल अहमद
नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली के शाहीन बाग में करीब दो महीनों से नागरिकता कानून के विरोध में प्रदर्शन हो रहा है। धरना प्रदर्शन की वजह से यातायात बाधित हो रहा है। इस क्रम में सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका पर आज सोमवार को सुनवाई के दौरान शीर्ष अदालत ने कहा कि आप रास्ता नहीं रोक सकते। एक कॉमन क्षेत्र में प्रदर्शन जारी नहीं रखा जा सकता है। हर कोई ऐसे प्रदर्शन करने लगे तो क्या होगा?
कहा कि क्या आप पब्लिक रोड को ब्लॉक कर सकते हैं। प्रदर्शन बहुत लंबे अरसे से चल रहा है और प्रदर्शन को लेकर एक जगह सुनिश्चित होनी चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार, केंद्र सरकार और दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया है। मामले की अगली सुनवाई 17 फरवरी को होगी। सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता ने अंतरिम आदेश जारी करने की मांग की लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने कोई आदेश जारी करने से इंकार कर दिया। कोर्ट ने कहा कि वह लोग 58 दिनों से धरने पर हैं। आप एक हफ्ते और इंतजार कर सकते हैं।
बताते चलें कि बीजेपी नेता और पूर्व विधायक नंदकिशोर गर्ग ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर शाहीन बाग धरने को हटाने के अलावा गाइड लाइन बनाने की मांग की है। वकील अमित साहनी ने भी सुप्रीम कोर्ट याचिका दाखिल कर मांग की है कि शाहीन बाग में चल रहे प्रदर्शन को हटाया जाए ताकि कालिंदी कुंज और शाहीन बाग का रास्ता फिर से खुल सके। उनकी मांग है कि इसके लिए कोर्ट केंद्र सरकार और संबंधित विभाग को आदेश दे। याचिका में कहा गया है कि लंबे समय से शाहीन बाग में चल रहे धरने से लोगों को बेहद परेशानी हो रही है। फिलहाल दिल्ली सरकार, पुलिस और केंद्र सरकार अब नोटिस का जवाब देगी। मामले की अगली सुनवाई 17 फरवरी को होगी।
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