तारिक आज़मी
वाराणसी। अपराधी और जालसाज़ अपने चंद पैसो के लालच में किसी की ज़िन्दगी बर्बाद कर सकते है। इसका जीता जागता उदहारण आज वाराणसी में देखने को मिला जब पुलिस ने एक संदिग्ध अफगानी नागरिक को हिरासत में लिया। उसने पूछताछ में जो कुछ बताया वह वाकई अपने तरीके का पहला मामला देश में होगा जब अफगानी नागरिक को भारतीय नागरिक बना कर उसको विदेश भेजने की तैयारी में था।
उसने बताया कि मैं भारत 11।01।2020 को आया और 5, 6 दिन दिल्ली में घूमा। दिनांक 16।01।2020 को साहबे आलम ने कहा कि तुम जनपद आजमगढ़, चले आओ क्योंकि तुम्हारा पासपोर्ट का काम आगे बढ़ाना है। इसलिए मैं दिनांक 17।01।2020 को आजमगढ़ आकर साहबे आलम के घर पर रूका। साहबे आलम ने भारत के पते पर जावेद के नाम से मेरा फर्जी वोटर कार्ड और आधार कार्ड बनवाया, जिस पर मेरा फोटो लगा है और आज मेरे साथ पासपोर्ट बनवाने के लिए वाराणसी आया था, लेकिन संदेह होने पर मुझे छोड़कर भाग गया। उसने बताया कि मैने भारत आने के लिए मेडिकल वीजा लिया था क्योंकि मुझे कुवैत जाना। इस काम के लिए मैने साहबे आलम को 20000/- रूपया दिया था और साहबे आलम ने मेरा मेडिकल जो अफगानिस्तान से बना था को फाड कर फेंक दिया था ताकि किसी को शक न हो। पुलिस टीम द्वारा अफगानी नागरिक की निशानदेही पर आजमगढ़ से उसके मास्टर माइण्ड साथी साहबे आलम पुत्र फैजान अहमद, निवासी ग्राम चमराडीह, थाना फूलपुर, आजमगढ को गिरफ्तार किया गया।
पुलिस से पूछताछ पर उसने बताया कि मैं वर्ष 2013 में कुवैत 02 वर्ष के लिए वर्किंग वीजा पर वेल्डिंग के काम के लिए गया था, वहाँ जाने पर मुझे पता चला कि मुझे वेल्डिंग का काम नहीं बकरी चराने का काम करना है, और मुझे 200 दिनार की जगह केवल 55 दिनार महिने के मिलेगें। जब मेरे वीजा की अवधी समाप्त होने वाली थी और मुझे लगा कि ये लोग मुझे वापस भारत भेज देगे तो मैं अपना सारा सामान अपने मालिक के पास छोड़कर वहाँ से भाग गया। उस दौरान मेरी मुलाकात एक अली नाम के व्यक्ति से हुई जो अफगानी था जिसके पास मैं वर्ष 2018 तक रहा और वेल्डिंग का काम किया।
उसने बताया कि उसी दौरान कुवैत की सरकार ने एक नियम निकाला जिसके तहत जो लोग अवैध तरीके से देश में रह रहे थे वो लोग वन टाइम आपाती आउटपास लेकर अपने-अपने देश लौट सकते थे। इसलिए मैं अली की मदद से आपाती आउटपास लेकर वहाँ से भारत आ गया। लौटने के समय अली ने मुझसे कहा कि अफगानिस्तान के बहुत सारे लोग हैं जो कुवैत आना चाहते हैं लेकिन कुवैत की सरकार उनको वीजा नहीं देती है, तुम भारत जाकर ऐसे लोग जो कुवैत आना चाहते हैं उनका फर्जी पासपोर्ट बनवा देना और उसके लिए तुम्हें बहुत सारे पैसे मिलेगे।
बताया कि मेरे घर की हालत ठीक नहीं थी और मेरे उपर कर्ज था, इसलिए मजबूरी में मैं इस काम में लग गया। इस तरह फर्जीवाडा करके मैने कई विदेशियों का फर्जी पासपोर्ट बनवाया लेकिन इस बार पकड़ा गया।
पुलिस ने उक्त गिरफ़्तारी के क्रम में मु0अ0सं0 0051/2020 धारा 419/420/467/468/471 भादवि व 14 विदेशी अधिनियम 1946 थाना भेलूपुर, वाराणसी में पंजीकृत कर गिरफ्तार अभियुक्तों को अदालत में पेश किया. गिरफ्तार करने वाली पुलिस टीम में प्र0नि0 राजीव रंजन उपाध्याय, उ0नि0 प्रकाश सिंह, चौ0 प्र0 दुर्गाकुण्ड, उ0नि0 मुकेश तिवारी चौ0प्र0 अस्सी, उ0नि0 राहुल यादव, का0 राजन पाण्डेय, का0 विनित सिंह थाना भेलूपुर वाराणसी थे।
फारुख हुसैन डेस्क: जर्मनी के अधिकारियों ने कहा है कि एक तेल टैंकर जर्मनी के…
तारिक खान डेस्क: झारखंड के धनबाद में एक निजी स्कूल में प्रिंसिपल के आदेश के…
आफताब फारुकी डेस्क: अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह में भारत…
आदिल अहमद डेस्क: बीजेपी ने दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 के लिए शनिवार को उम्मीदवारों की…
सबा अंसारी डेस्क: केरल के पथनमथिट्टा में 18 साल की एक दलित छात्रा के साथ…
शफी उस्मानी डेस्क: हिंदल वली गरीब नवाज़ ख्वाजा मोइंनुद्दीन चिश्ती रहमतुल्लाह अलैही के उर्स मुबारक…