अनिल कुमार
जहाँ भारत सरकार विदेश में अपने छवि को चमकाने में लगी है है और अपने देश के नागरिक को विदेश से भारत लाने के लिए विशेष विमान भेजा जा रहा है वहीं अपने ही देश में गरीब दिहाड़ी मजदूर को दिल्ली से बिहार पैदल यात्रा तय कर के अपने गृह क्षेत्र में आना पड़ रहा है। यह भी एक विडंबना है कि जो दिहाड़ी मजदूर अपने मेहनत मजदूरी से दूसरे प्रदेश में जा कर वहां अपने कार्य से वहां के प्रदेश का नाम रौशन करते हैं और उस प्रदेश की सरकार उनकी सुध लेना भी उचित नहीं समझते हैं।
दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल सिर्फ अपने भाषणो से इन मजदूरों का पेट भरने का वादा कर रहे हैं पर जमीनी हकीकत कुछ और कहता है। शुक्रवार रात को भारी संख्या में यूपी बार्डर पर दिहाड़ी मजदूर बिहार और यूपी जाने के लिए जमा हैं। इन लोगो पर लॉकडाउन का कोई असर नही है। आखिर लॉकडाउन का असर इन लोगो पर कैसे हो सकता है। न ही इन लोगो के पास कोई जिविकोपार्जन के लिए कोई काम बचा और न ही इन लोगो के पास परिवार के पेट भरने के लिए पैसा है।
सरकार इन लोगो के समस्या को नजरंदाज करके पूरे देश में लॉकडाउन लगा दिया और ये लोग बाहर मे फंस कर रह गए। सबसे ज्यादा इन लोगो के पास भूखमरी की समस्या आ गई है और यह भविष्य में काफी बड़ी समस्या बन कर उभरेगी। बिहार के सीएम नीतिश कुमार इन लोगो पर कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं और सिर्फ अपने अधिकारियों को मौखिक आदेश दे रहे हैं। अगर समय रहते दिहाड़ी मजदूरों पर भारत सरकार ने कोई निर्णय नहीं लिया तो ये मजदूर वर्ग कोरोनावायरस से संक्रमित होने के पहले भूखमरी के कारण मर जायेंगे।
सरकार को समझना चाहिए कि यह पेट का भूख कोरोनावायरस पर ज्यादा भारी है और इसका जीता जागता उदाहरण दिहाड़ी मजदूर हैं जो कंधे पर बच्चा,पीठ पर बैग और साथ में परिवार को लेकर अपने गांव की ओर चल पड़े हैं। इतना तो तय है कि भारत सरकार सरकार बिना कोई प्लानिंग किए पूरे देश में लॉकडाउन लगा दिया है। अगर सभी राज्य सरकार से विचार विर्मश कर के लॉकडाउन लगाया जाता तो इन दिहाड़ी मजदूरों का मेडिकल जांच करके अपने गृह क्षेत्र क्षेत्र पहुंचाया जा सकता था।
अगर अब इन लोगो को बिना मेडिकल जांच किए अपने अपने गृह क्षेत्र में पहुंचाया गया तो संभव है कि इन लोगो में से अगर कोई कोरोनावायरस से संक्रमित होंगे तो बिहार और यूपी के ग्रामीण क्षेत्रों में भी कोरोनावायरस अपना पैर आसानी से पसार लेगा। उस प्रदेश की स्थिति बहुत भयावह हो जाएगी।
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