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भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर करेगे 15 मार्च को नए राजनैतिक दल का गठन

आफताब फारुकी

लखनऊ: चंद्रशेखर खुद को बसपा का विकल्प बनाने के प्रयासों में लगे हैं। धीरे-धीरे वह बहुजन समाज पार्टी के गिरते ग्राफ का फायदा लेने की फिराक में हैं। इसी कारण वह मायवती पर सीधे हमले करने से बच रहे हैं। बसपा के कई असंतुष्ट नेता उनके संपर्क में हैं। लखनऊ प्रवास के दौरान चंद्रशेखर से मिलने बसपा के सुनील चित्तौड़, पूर्व ओएसडी गंगाराम समेत कई नेता पहुंचे थे। भीम आर्मी की नजर दलित-मुस्लिम गठजोड़ के साथ पिछड़ा वोट पर टिकी है। भीम आर्मी कांशीराम की जयंती पर 15 मार्च को अपने नए राजनीतिक दल का गठन करने जा रही है।

भीम आर्मी के अध्यक्ष चंद्रशेखर ने बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती पर इशारे-इशारे में तंज कसा और कहा कि जो गलतियां हुईं, उन्हें दोहराया नहीं जाएगा। बहुजन समाज के लिए काम करना पड़ेगा। केवल भाषणबाजी से दलितों का भविष्य नहीं सुधर सकता है। उन्हें बराबरी का अधिकार और हिस्सेदारी देनी पड़ेगी। जब हिस्सेदारी मिलेगी तो परिवार बढ़ेगा।

उन्होंने कहा कि सत्ता में जब उनकी भागीदारी बढ़ेगी। तब बहुजन समाज का निर्माण होगा। चंद्रशेखर ने कहा, “देश और प्रदेश के करोड़ों अल्पसंख्यकों, पिछड़ों और दलितों को सताया जा रहा है। उनके अधिकार छीने जा रहे हैं। हमारे कार्यकर्ता चाहते हैं कि उन्हें भी राजनीतिक हिस्सेदारी मिले। इसको ध्यान में रखते हुए हम 15 मार्च को नया राजनीतिक दल बनाने जा रहे हैं। उनके (दलितों) मुद्दों पर खड़ा होना पड़ेगा। सिर्फ कोरे भाषणों से बहुजन समाज नहीं बनेगा उनके हितों के लिए आवाज उठानी पड़ेगी। उन्हें सत्ता में भागीदारी देनी पड़ेगी।”

इस दौरान एक सवाल कि बसपा एक मजबूत पार्टी है, उसका जनाधार भी खूब है, इसकी काट कैसे ढूंढेंगे, इसके जवाब में चंद्रशेखर ने कहा, “हम कोई काट नहीं ढूंढ रहे हैं। इस देश के करोड़ों मुस्लिमों, दलितों, पिछड़ों, अल्पसंख्यकों को देख रहे हैं। उनके हितों की हमें रक्षा करनी है। प्रदेश में हमारा बड़ा संगठन है। हमने पिछले दिनों भारत बंद भी किया था, जो सफल रहा।”

नई पार्टी बनाने के बाद 2022 के चुनाव में किस पार्टी से गठबंधन करेंगे, के सवाल पर चंद्रशेखर ने कहा, “जब अपनी पार्टी बन रही तो किसी राजनीतिक दल में जाने के लिए नहीं बना रहे हैं। जो दल बनेगा, वह सिद्धांतों के आधार पर बनेगा। हमारा सबसे सामाजिक रिश्ता अच्छा है। हमारे सिद्धांत में जो फिट बैठेगा वह हमारे करीब आएगा।” योगी सरकार में पूर्व मंत्री रहे ओमप्रकाश राजभर से मुलाकात पर उन्होंने कहा कि वह कोई विवादित व्यक्ति नहीं हैं। वह पिछड़ों के बड़े नेता हैं। विधानसभा में पिछड़ों के हक की बात उठाते हैं। उन्होंने बंदी में हमारा समर्थन भी किया था। भाजपा (भारतीय जनता पार्टी) को रोकने के लिए हमारी बात हुई है। हम भाजपा को रोकने के लिए सभी कदम उठाएंगे।

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