संजय ठाकुर
वर्तमान में स्वास्थ सम्बंधित एक कोहराम की स्थिति में अगर कोई बिमारी है तो वह है कोरोना वायरस। गूगल सर्च के डेटा बता रहे है कि रोज़ काफी बड़ी ताय्दात में लोग इसको सर्च कर रहे है। सभी सशंकित है। सभी एक महामारी से बचाव का तरीका तलाश रहे है।
क्या इस वायरस से संक्रमित व्यक्ति के पास आने से बीमारी लग सकती है?
जी हां, ऐसा हो सकता है। हम आपको इसका जवाब इस एक उदहारण से देना चाहते है कि अगर आप किसी परचून की दूकान में जाते हैं जिसके मालिक को कोरोना का संक्रमण हो चुका है। इस स्थिति में आपको भी कोरोना का संक्रमण हो सकता है। विशेषज्ञ कहते हैं कि कोरोना का संक्रमण उसके द्वारा दिए गए पैसे रखने या आपके द्वारा दिए गए कार्ड को स्वैप करने के बाद लौटाने की वजह से भी हो सकता है।
आखिर कैसे फ़ैल सकता है ये वायरस ?
वजह तो काफी हो सकती है इसके फ़ैलाने की। मगर मुख्यतः कोरोना के संक्रमण फैलने की चार वजह हो सकती है। आप संक्रमित व्यक्ति के पास कितनी देर रहे? आप उसके कितने पास गए? क्या उस व्यक्ति के छींकने या खांसने की वजह से आपको छींटे पड़े? आपने अपने चेहरे को कितनी बार छुआ? आपके उम्र और स्वास्थ्य की वजह से भी कोरोना के संक्रमण का असर पड़ता है।
आखिर सिर्फ छींकने या खांसने से क्या होता है?
अगर कोरोना से संक्रमित कोई व्यक्ति खांसता या छींकता है तो उस प्रक्रिया में उसके मुंह या नाक से कुछ बूंदें गिरती हैं, इनसे कोरोना का संक्रमण हो सकता है। एक प्रोफेसर ने कहा कि कोरोना का वायरस इन बूंदों की मदद से दूसरे व्यक्ति के शरीर में प्रवेश कर सकता है।
क्या हम कोरोना प्रभावित व्यक्ति की पहचान कर सकते हैं?
नहीं, बिना जाँच के आप ऐसे संक्रमित व्यक्ति की पहचान नही कर सकते है। इसके लिए आपको केवल सर्दी ज़ुकाम के लक्षण वाले मरीज़ को देख कर पैनिक होने की आवश्यकता नही है। आप कोरोना से संक्रमित व्यक्ति की पहचान कर लें, यह जरूरी नहीं है, कोरोना से संक्रमण के लक्षण आम सर्दी-जुकाम की तरह ही होते हैं। कोविड 19 यानी कोरोना की पहचान लैब में जांच के बाद ही हो सकती है।
क्या यह वायरस टच स्क्रीन या बस स्टॉप पर लगे खंभे से भी फ़ैल सकता है?
जी हां, यह वायरल किसी निर्जीव स्थान से भी फ़ैल सकता है। ऐसा हो ये कोई ज़रूरी नही है मगर ऐसा हो सकता है। हांग कांग के एक बौद्ध मंदिर में पहुंचे लोगों में एक-दूसरे व्यक्ति को कोरोना का संक्रमण कुछ इसी तरह हुआ है। इस मन्दिर से लिए गए सैंपल के अनुसार बाथरूम के नल और किताब पर ढंके कपड़े में भी कोरोना वायरस के सबूत मिले हैं। कोरोना का वायरस कहीं भी पहुंच सकता है, जब तक इसकी राह में कोई बाधा नहीं आये। जब हम छींकते हैं या खांसते हैं तो हमारे मुंह से कुछ बूंदें गिरती हैं। अगर इनकी राह में कुछ नहीं आये तो ये सीधे जमीन पर पहुंच सकती हैं।
कोरोना का वायरस आपके शरीर में तभी पहुंच सकता है जब यह आपके आंख, नाक या मुंह में पहुंचे। कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि कोरोना के संक्रमण की प्रमुख वजह खांसना या छींकना ही है। किसी व्यक्ति के बहुत करीब जाकर बात करने या साथ खाना खाने से भी कोरोना का वायरस फ़ैल सकता है।
एक विशेषज्ञ ने कहा, “अगर आप किसी व्यक्ति के इतने करीब हैं कि उनके मुंह से आपको लहसुन या अदरक की खुशबू आ रही है तो किसी संक्रमित व्यक्ति से आपके शरीर में भी कोरोना का वायरस पहुंच सकता है।” विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रवक्ता ने कहा, “किसी बीमार व्यक्ति से कम से कम तीन फीट की दूरी पर रहना ठीक है।”
क्या है उपाय ?
आप अपने हाथो को अच्छी तरह साबुन से साफ़ करे, मास्क का उपयोग करे और गुणवत्ता वाले मास्क का उपयोग करे। खास्ते अथवा छीकते समय आप मुह पर रुमाल अथवा टिशु पेपर रखे। मुह, आँख आठवा नाक पर हाथ लगाने के पूर्व सेनेटाइज़र का उपयोग करे। सर्दी ज़ुकाम होने पर आप खुद ही चिकित्सक नही बने बल्कि अच्छे विशेषज्ञ चिकित्सक को दिखाये। संभव हो तो सरकारी जिला अस्पताल से सेवा प्राप्त करे। पैनिक न हो और खुद का ख्याल रखे। मांस, अंडा मछली का उपयोग करने से बचे। जंगली जानवरों से दूर रहे। स्वस्थ रहे और मस्त रहे के तर्ज पर रहे।
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