आफताब फारुकी
नई दिल्ली: येस बैंक के संस्थापक और पूर्व प्रबंध निदेशक राणा कपूर को मुंबई की एक अदालत ने रविवार को 11 मार्च तक के लिए प्रर्वतन निदेशालय की हिरासत में भेजा दिया है। उन्हें मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई ने राणा कपूर के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप में अलग केस दर्ज किया है।
प्रवर्तन निदेशालय के वकील सुनील गोंजाल्विस ने सुनवाई के दौरान कहा कि ईडी के जांच के दायरे में 4,300 करोड़ रुपये की राशि है। पूछताछ के दौरान राणा कपूर ने जांच में सहयोग से इनकार कर दिया है। राणा कपूर ने इसका खंडन करते हुए कहा, “मैं ईडी का सहयोग करना चाहता हूं। उन्होंने अदालत को बताया, “मैं पल भर के लिए भी सोया नहीं हूं, बावजूद इसके मैं दिन-रात सहयोग करने के लिए तैयार हूं। इस दौरान उनकी आंखों में आंसू आ गए।”
राणा कपूर के वकील ज़ैन श्रॉफ ने अदालत को बताया कि रिजर्व बैंक ने येस बैंक के खिलाफ कुछ प्रतिबंध लगाए हैं, जिसके बाद लोगों में आक्रोश है, इस आक्रोश को देखते हुए उनके मुवक्किल को “बलि का बकरा” बनाया जा रहा है। फंसे कर्ज का बोझ बढ़ने के साथ येस बैंक पिछले काफी समय से पूंजी जुटाने की कोशिश कर रहा है, हालांकि, वह इस काम में नाकाम रहा। बताते चले कि अनियमितताओं का हवाला देते हुए सीबीआई ने कथित तौर पर आपराधिक षड्यंत्र, धोखाधड़ी और भ्रष्टाचार के लिए राणा कपूर, दीवान हाउसिंग और डीओआईटी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है।
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