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रोज़गार गारंटी योजना मनरेगा की ज़मीनी हकीकत पर क्या कहते है मेहनतकश

फारुख हुसैन

लखीमपुर खीरी÷ जहां एक ओर हमारी सरकार द्वारा प्रधानमंत्री ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा)शुरू की गयी थी जिसका मुख्य लक्ष्य गांवों का विकास और ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को रोजगार देना है और इस योजना के जरिए ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को प्रतिदिन की मजदूरी और साल में 100 दिन रोजगार की गारंटी दी भी जाती है लेकिन जमीनी हकीकत की बात करें तो समय पर भुगतान न होने और कम मजदूरी दर के कारण योजना के तहत काम करने वाले मजदूर निराश हो चुके हैं और यही नहीं उनको सरकार की किसी भी योजना का लाभ ही नहीं मिल पा रहा है और वह सरकार की योजना मिलने का बस आसरा ही दाख रहें हैं।

देखा जाये तो सरकार के कम बजट के कारण अब मजदूरों को 100 दिन की बात आप छोड़ दीजिए 10 दिन भी काम नसीब नही हो रहा है। जिसका जाय़जा लेने के लिये हमारे संवाददाता फारूख हुसैन ने ग्रामीण क्षेत्रों का दौरा किया। जहां उनको मजदूरों की हालत बहुत ही दयनीय मिली। सबसे ज्यादा हालात ब्लाक बेहजम,मझगयी,तिलोकपुर सहित अन्य ग्राम पंचायतो का बहुत बुरा हाल हो चुका है। मजदूरों से जानकारी करने पर पाया गया कि खातों में पैसा ना होने के कारण नरेगा का काम नहीं हो पा रहा है जिसके चलते मजदूरों की हालत बहुत खराब है वो अभी भी झोपड़ियों में ही रहते हैं।

मजदूरों ने बताया कि सरकार की मनरेगा योजना के तहत हमको कोई लाभ नही मिल रहा है सरकार ने 100 दिन के काम की गारंटी की थी लेकिन हमारे यहाँ लगभग 1 साल से मनरेगा के तहत काम नही हुआ है हमारे बच्चो की पढ़ाई लिखाई भी नही हो पा रही है हम लोग पहले भी गरीब थे और आज भी गरीब है हमारी गरीबी में कोई इज्जफ़ा नही हुआ है आज भी हम झोपड़ी में अपना गुजारा कर रहे हैं और मनरेगा में काम करने से क्या फायदा इसमे मजदूरी भी कम मिलती है और समय से पेमेंट भी नही पाता है इस लिए हमारे लिए भी ये योजना बेकार है।

तो कहीं ये भी मजदूरों ने बताया कि इस बार कम बजट के चलते प्रधान के खाते में मनरेगा के तहत रुपये ही नही आये हैं इस लिए हमारी ग्राम सभा मे नरेगा का काम नही चल रहा है और मजदूर मनरेगा में काम भी नही करना चाहते हैं क्योंकि बाहर कृषि क्षेत्र में मजदूरी ज्यादा चलती है मनरेगा में मजदूरी कम मिलती है। गांव में नरेगा की स्थित बहुत ही दयनीय है मेरे गाँव मे मनरेगा के तहत लगभग एक साल से कोई कार्य नही हुआ है सरकार ने वादा किया था कि 100 दिन का रोजगार मजदूरों को दिया जाएगा यहाँ तो कोई रोजगार नही दिया जा रहा है हम लोग जैसे तैसे कर के अपना खर्च चला रहे और बच्चो को पढ़ा रहे हैं मनरेगा में कम मजदूरी मिलती है और टाइम से पैसा भी नही मिल पाता है इस लिए सरकार की योजना मनरेगा में कोई दम नही है हमारे लिए ये योजना बेकार है।देखा जाये तो लखीमपुर जिले में मनरेगा योजना का बहुत ही बुरा हाल है इस समय इक्का दुक्का ग्राम सभा को छोड़कर कही भी इस योजना में काम नही चल रहा

मजदूर की स्थितिया खराब चल रही है मजदूर गांव से शहर के लिए पलायन करने पर मजबूर हो चुके हैं हालात ये है जो पहले जैसे थे आज भी मजदूर वैसे ही रहने पर मजबूर हैं उसके रहन सहन में कोई फर्क नही पड़ा है।

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