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बड़ा खुलासा – वाराणसी के दालमंडी, नई सड़क इत्यादि क्षेत्रो में अवैध वसूली और मारपीट कर कोहराम मचाये आखिर कौन है ये संदिग्ध दरोगा ?

तारिक आज़मी

वाराणसी। शहर के संवेदनशील क्षेत्र दालमंडी, नई सड़क, देल्हुगली, कपडा मंदी इत्यादि क्षेत्रो में कोहराम मचाये एक संदिग्ध दरोगा चर्चा का केंद्र बना हुआ है। पिछले तीन दिनों से एक संदिग्ध दरोगा द्वारा लोगो को मारना पीटना, उनसे मुफ्त में सामन ले लेना, सांप्रदायिक गालिया देना क्षेत्र में चर्चा का केंद्र बिंदु बना हुआ है। काले रंग की बुलेट से चलने वाला यह दरोगा अँधेरा होने के बाद अपनी बुलेट से क्षेत्र चौक के तरफ से आता है और पूरी दालमंडी, नई सड़क, कपडा मार्किट इत्यादि क्षेत्रो में लोगो को मारना पीटने के अलावा रेहड़ी दुकानदारो से मुफ्त का सामान लेकर चला जाता है। इस मामले की जानकारी क्षेत्र के लोगो ने जहा पुलिस को प्रदान किया और क्षेत्रीय चौकी इंचार्ज नागेन्द्र उपाध्याय को दिया वही मुझको भी सूत्रों से इस मामले की जानकारी मिली।

काफी प्रयास के बावजूद भी दरोगा जी की शिनाख्त नही हो पा रही थी। इसी दौरान क्षेत्र के कुछ लोगो ने हमको उस संदिग्ध दरोगा के सम्बन्ध में जानकारी देते हुवे बताया कि दो दिन पूर्व यह दरोगा देल्हुगली में जाकर सांप्रदायिक गालिया दिया है और कुछ युवको के साथ मारपीट भी किया है। हमने जब इस सम्बन्ध में चौक पुलिस से बात किया तो दालमंडी चौकी इंचार्ज नागेन्द्र उपाध्याय द्वारा ऐसी सुचना मिलने की बात बताया गया और कहा गया कि ऐसा कोई भी दरोगा चौक अथवा दशाश्वमेघ में पोस्टेड नही है। वही सांप्रदायिक गालियों के सम्बन्ध में दशाश्वमेघ थाने पर पता करने पर ऐसी घटना अथवा ऐसा कोई दरोगा होने की बात से अनभिज्ञता ज़ाहिर किया गया।

संदिग्ध दरोगा जी की बुलेट और उसका नम्बर

इसी दौरान आज सोमवार की रात लगभग 8 बजे हमारी जानकारी में आया कि वह संदिग्ध दरोगा इस समय दालमंडी में दुबारा आज फिर कोहराम मचाये हुवे है। हमने खुद दरोगा जी से मिलने का मन बना किया। इसी दौरान सूत्रों ने बताया कि घुंघरानी गली के नुक्कड़ पर दूध बेच रहे एक विक्रेता को उस संदिग्ध दरोगा ने मारा है और दो किलो मुफ्त में दही लिया है। इस सम्बन्ध में जब हमने दालमंडी चौकी इंचार्ज नागेन्द्र उपाध्याय से संपर्क किया तो उन्होंने भी सुचना की पुष्टि करते हुवे बताया कि हम लोग स्वयं अब उस दरोगा की तलाश कर रहे है।

हमारी कोशिश कामयाब हुई और औरंगाबाद रोड पर दरोगा जी के दर्शन हो गए। शरीर पर वर्दी, कंधे पर दो तारा, सर पर हैलमेट और मास्क, हाथो में कोहनी तक ग्लब्स पहने दरोगा जी बुलेट दौडाते हुवे लोगो को हडदब में ले रहे थे। तभी हमारा उनका आमना सामना हो गया। दरोगा जी ने हमको भी पहले तो हडदब में लिया और खुद को सिगरा थाना पर पोस्टेड सेकेण्ड अफसर बताया, उसके बाद जब हमने सवाल दागने शुरू किये तो साहब की ऐठन थोडा कम हुई और फिर वो बात को दबाने की बात हमसे करने लगे। इस दौरान हम उनसे बात करने के लिए उनके साथ पानदरीबा चौकी पहुचे और दरोगा जी अथवा फिर कथित दरोगा जी ने खुद को ज्ञानवापी ड्यूटी पर तैनात बताया और कहा कि मैं सिगरा रहता हु तो खाना खाने इधर से ही जाता हु। इस कारण हमने रास्ते में सोशल डिस्टेंस के मुद्दे पर लोगो को फटकार केवल लगाईं है।

इस पर हमने उक्त दूध वाले और दही वाले को सामने बुलवा देने की बात कही तो दुबारा दरोगा जी ठन्डे पड़े और उसको पैसे देने की बात कहने लगे। दरोगा जी की पूरी गतिविधि संदिग्ध थी, इस दौरान दरोगा जी लगातार मामले को तुल न देने और भविष्य में ऐसा दुबारा न करने की बात कहने लगे। बातचीत के दौरान चौकी इंचार्ज अर्जुन सिंह ने दरोगा जी को ढंग से नैतिकता का पाठ पढाया। तभी स्थानीय सिपाहियों के द्वारा एक पान विक्रेता को मय माल पकड़ लिया था और उसकी कार्यवाही में व्यस्त हुवे साथ ही हम भी नये समाचार हेतु उधर व्यस्त हुवे तो दरोगा जी खुद की बुलेट उठा कर धीरे से सरक लिए।

जाते जाते हमने दरोगा जी की बुलेट का फोटो ले डाला। जब साईट के ज़रिये हमने बुलेट के स्वामी की डिटेल निकाला तो वह भी दरोगा जी के सीने पर चमकती नेम प्लेट से अलग थी। दरोगा जी के सीने पर राजेश कुमार पाण्डेय की नेम प्लेट थी जबकि दरोगा जी की बुलेट संख्या UP65CQ1919 ऋषि नारायण पुत्र राम शंकर पक्की बाज़ार वाराणसी के नाम पर रजिस्टर्ड थी। दरोगा जी के कमर पर लगा वाकी टाकी खुद की आँखे रोशन कर रखे था मगर उसकी बोलती नही निकल रही थी।

बहरहाल, अब वह सही में दरोगा है अथवा दरोगा के भेष में कोई बहरूपिया है ये तो वह जाने और तफ्तीश कर विभाग जाने। मगर जिस प्रकार की ओछी हरकत उनके द्वारा किया गया वह हरकत पुरे महकमे को बदनाम करने के लिए काफी है। चौक पुलिस को अपने साफ़ दमन पर कलंक लगने से बचाने हेतु इनकी पूरी डिटेल निकालनी अवश्य चाहिये। दूसरी बात जिस प्रकार क्षेत्र में घूम घूम कर दरोगा जी सांप्रदायिक गालिया दे रहे है वह अगर नहीं रोका गया तो एक दिन बड़े विवाद का कारण बन जायेगा और हकीकत में क्षेत्र में शांति व्यवस्था के साथ लॉक डाउन का पालन खुद की जान पर खेल कर करवा रहे थाना प्रभारी चौक और थाना प्रभारी दशाश्वमेघ और उनकी टीम को ही विवाद हल करने के लिये पसीने बहाने पड़ेगे।

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