फारुख हुसैन
पलिया कलां खीरी. डाकघर में जमा अपना ही पैसा निकालने के लिए ग्राहकों को इन दिनों इतने अधिक चक्कर लगवाए जा रहे हैं कि लोग दोबारा पोस्ट ऑफिस की ओर मुंह करना भी उचित नहीं समझते। इससे सरकार की मंशा पर पूरी तरह पानी फिर रहा है। ज्ञात हो कि इन दिनों देश में चल रहे लाकडाउन के चलते तमाम गरीब व मध्यमवर्गीय परिवार जीवन निर्वाह हेतु बेहद परेशान हैं, इनमें अनेक वरिष्ठ नागरिक व विधवाये भी शामिल हैं। जो रोज रोज सड़कों पर कड़ी धूप में खुलेआम पैदल इन डाकघरों तक अपना ही जमा पैसा निकालने नहीं जा सकते। लेकिन प्रधान डाकघर लखीमपुर से लेकर उप डाकघरों तक में बरसों से जमा डाक लिपिक इन ग्राहकों को पैसा निकालने के लिए महीनों चक्कर लगवाते रहते हैं।
वे बताती हैं कि उन्होंने पैसा निकालने हेतु डाकघर पलिया के दर्जनो चक्कर लगाये।डाकघर द्वारा बताई गई सारी फॉर्मेलिटी पूरी कर स्टांप पेपर पर 14 नवंबर 2019 को अपना प्रार्थना पत्र सभी प्रपत्र संलग्न कर डाकघर में जमा कर दिया। अब इतने दिनों बाद कुछ साधारण आपत्ति लगाकर उनका प्रार्थना पत्र वापस कर दिया गया है। जबकि उन्हें उसी समय बताया जा सकता था।इससे डाकघर की अतिधीमी कार्यशैली का पता चलता है। वे कहती हैं कि इतना अकुला गयीं हैं कि अपने बच्चों से कहने लगीं हैं कि डाकघर में अब कभी पैसा न जमा करना।
इससे जाहिर है कि डाकघर में जमा अपना पैसा निकालने के लिए ग्राहकों को इन दिनों इतने अधिक चक्कर लगवाए जा रहे हैं कि लोग दुबारा पोस्ट ऑफिस की ओर मुंह करना भी उचित नहीं समझते। इससे सरकार की मंशा पर पानी फिर रहा है। यहां यह अकेला एक प्रकरण नहीं है। ऐसे अनेक लोग यहां मिल जाएंगे जिन्हें बरसों से एक ही सीट पर जमे लिपिक तंग करते रहते हैं।
एक सप्ताह पूर्व यहां बचत खाता खुलवाने के लिए गए रमा शंकर वर्मा बताते हैं कि उनके पलिया डाकघर में जमा किए गए कागज ही गुम बताएं जा रहे हैं। जब इसकी सूचना डाक अधीक्षक को दी गई तो उन्होंने पीड़ित को टरका दिया। उधर डाक विभाग द्वारा कोरोना वायरस के इस संकट की घड़ी में ग्राहकों की सुविधा के लिए ग्रामों तक में कैंप लगाकर पैसा निकालने की सुविधा दी जा रही है। इस संदर्भ में जिलाधिकारी खीरी के निर्देश पर डाक अधीक्षक लखीमपुर मुकेश कुमार सिंह द्वारा एक गाइडलाइन भी जारी की गई है ताकि मुसीबत की इस घड़ी में कोई भी बैंक अथवा पोस्ट ऑफिस का ग्राहक परेशान ना हो।परन्तु डाकघरों मे वर्षों से जमे लोभी लिपिक सरकार की योजनाओं में पलीता लगा रहे हैं।
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