बापू नंदन मिश्र
रतनपुरा (मऊ) कोरोना महामारी के कारण सरकार द्वारा घोषित लाकडाउन के कारण जनपद के अन्नदाता किसानों को कम से कम समस्या का सामना करना पड़े, इसके लिए कृषि विज्ञान केंद्र, पिलखी , मऊ के वैज्ञानिक सतत् प्रयासरत है। भारत सरकार ने खरीफ में किसानों को सही समय से शुद्ध बीज की उपलब्धता और समय से बुवाई को अपने मंत्रालय की प्राथमिकता के कार्यक्रमों में रखा है।
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद-राष्ट्रीय पादप जैव प्रौद्योगिकी संस्थान, नई दिल्ली; नेफोर्ड, लखनऊ तथा कृषि विज्ञान केंद्र, मऊ के साथ मिलकर नीति आयोग के निर्देशानुसार अनुसूचित जाति उप योजनान्तर्गत खरीफ में प्रदर्शन हेतु किसानों को नि:शुल्क धान की प्रजाति डी आर आर-50 और एम टी यू-7029 के बीज वितरण की व्यवस्था की गई । लाकडाउन की स्थिति में सरकार द्वारा निर्धारित मानदंड का पालन करते हुए सोशल डिस्टेन्सिंग और मुंह पर मास्क लगाते हुए 4-5 लोगों का समूह बनाकर बिलौझा ग्राम पंचायत में कृषि विज्ञान केन्द्र पिलखी के दो वैज्ञानिकों डॉ विनय कुमार सिंह और डॉ अंगद प्रसाद द्वारा लगभग 240 चयनित किसानों को लाभान्वित किया गया जिसमें 100 दलित जाति और 140 अन्य पिछड़ा वर्ग और सामान्य वर्ग को मिलाकर दिया गया।
डीआरआर 50 प्रजाति में सूखा तथा बाढ़ से लड़ने की क्षमता है तथा कम सिंचाई में भी अच्छी उपज ले सकते हैं। कृषि विज्ञान केंद्र पिलखी जनपद के किसानों की ओर से अपने सभी सहयोगी संस्थानों का आभार प्रकट करता है जो विपरीत परिस्थितियों में भी किसानों के उन्नयन के लिए सतत् प्रयासरत हैं। बीज बितरण कार्यक्रम में कृष्ण कान्त सिंह, देवेंद्र प्रसाद मिश्रा, ग्राम प्रधान बिलौंझा अमरनाथ यादव एवं सत्य नारायण सिंह प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।
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