करिश्मा अग्रवाल
व्यञ्जना आर्ट एण्ड कल्चर सोसायटी, प्रयागराज की ओर से आयोजित विद्यार्थियों के सुविधा के लिए पाँच दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है कार्यशाला के चौथे दिन जयपुर अतरौली घराने की प्रतिष्ठित कलाकार पद्मविभूषण विदुषी किशोरी अमोंकर की सुयोग्य शिष्या विदुषी मंजिरी असनारे-केलकर ने अपने घराने के अनुसार कण्ठ साधना रियाज का सलीका, आवाज का लगाव व आपने बताया कि विद्यार्थियों का गुरू के प्रति समर्पण होना आवश्यक है, गुरू का संस्मरण करते हुए कहा “ विद्यार्थियों को एकाग्र होना चाहिए, जैसे किशोरी ताई जब गाती थीं तब उनका तानपूरा एवं वह स्वयं वही राग हो जाती थीं”।
तारिक आज़मी वाराणसी: खिचड़ी.... एक नाम सुनते के साथ ही बनारसी और बनारसियत का जज्बा दिल…
आदिल अहमद डेस्क: दिल्ली पुलिस के स्पेशल कमिश्नर (लॉ एंड ऑर्डर) मधुप तिवारी ने मंगलवार…
शफी उस्मानी डेस्क: आज पुरे आलम-ए-इस्लाम में मौला अली का जन्मदिन बड़े ही धूमधाम के…
तारिक आज़मी डेस्क: 17 मार्च 600 से तक़रीबन 1400 वर्ष पहले मुस्लिम तीर्थ स्थल काबा…
ए0 जावेद वाराणसी: वाराणसी की चेतगंज पुलिस को कातिल चाइनीज़ मंझे के खिलाफ एक बड़ी…
सबा अंसारी वाराणसी: वाराणसी नगर निगम की सीमाओं में इजाफा होने के बाद नए जुड़े…