आफताब फारुकी
नई दिल्ली: भारत और चीन के सैनिकों ने पूर्वी लद्दाख के कुछ क्षेत्रों से आपसी सहमति के तहत हटना शुरू किया है। बुधवार को पूर्वी लद्दाख के ‘हॉट स्प्रिंग्स’ क्षेत्र में शीर्ष सैन्य वार्ता होनी है। सरकारी सूत्रों ने मंगलवार को यह जानकारी दी।सूत्रों का कहना है कि इससे पहले, चीनी सैनिकों की एक ‘अच्छी खासी संख्या’ वापस ले ली गई है लेकिन इस बारे में कोई सटीक संख्या नहीं है।
दोनों देशों की बीच सैन्य स्तर की वार्ता गलवान इलाके के पेट्रोलिंग प्वॉइंट 14, 15 और स्प्रिंग इलाके में होगी। सूत्रों के मुताबिक, चीनी सेना गलवान वैली, पीपी-15 और हॉट स्प्रिंग इलाके में 2 से ढाई किमी पीछे तक हट गई है। ये सभी इलाके पूर्वी लद्दाख में पड़ते हैं। भारतीय सेना भी इस इलाके में पीछे हटी है और अपने वाहन वापस लिए हैं। सूत्रों के मुताबिक, इन जगहों पर बटालियन कमांडर स्तर की बातचीत चल रही है। दोनों पक्ष के कमांडरों की आपस में हॉटलाइन पर बात हुई है। भारत की सैन्य टीम चुसूल इलाके में पहले से मौजूद है ताकि चीनी पक्ष को बातचीत में शामिल किया जा सके।
दोनों देश बातचीत से आपसी विवाद निपटाएंगे, इसकी जानकारी सोमवार को चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने दी थी। चुनयिंग ने कहा, 6 जून को चीनी और भारतीय सैन्य अधिकारियों के बीच सीमा के हालातों पर विस्तृत बातचीत हुई। दोनों देशों ने राजनयिक और सैन्य स्तर पर सीमा विवाद के मुद्दे को बातचीत के जरिये निपटाने पर बल दिया।
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता हुआ ने जोर देकर कहा कि चीन और भारत अपने-अपने देशों के समझौतों के आधार पर महत्वपूर्ण आम सहमति को लागू करने पर सहमत हुए हैं। दोनों देश आपसी मतभेदों को विवाद में बदलने के पक्षधर नहीं हैं। भारत और चीन सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति बनाए रखने के लिए एक साथ काम करते हैं, ताकि द्विपक्षीय संबंधों के स्थिर विकास के लिए अनुकूल माहौल बनाया जा सके। हुआ ने कहा कि सीमा क्षेत्रों में पूरी स्थिति पर गौर करें तो यह आमतौर पर यह स्थिर और नियंत्रण में है। चीन और भारत के बीच बातचीत और परामर्श के माध्यम से ऐसे मुद्दों को ठीक से हल करने की क्षमता और इच्छाशक्ति है।
बीते 6 जून को लेफ्टिनेंट जनरल हरिदंर सिंह ने चीन के मेजर जनरल लियु लिन से मोल्डो में बात की थी। जो LAC में चीनी हिस्से में है। इसके बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने तीनों सेनाओं के प्रमुख और चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ के साथ एक लंबी बैठक की थी, जिसमें मौजूदा स्थिति के बारे में मंथन हुआ। बैठक में रक्षा मंत्री को बताया गया कि चीन की ओर से बॉर्डर पर बड़ी संख्या में सैन्य मौजूदगी की गई है, इसके अलावा दोनों देशों की सेनाओं के बीच जो बात हुई उस पर मंथन किया गया। सूत्रों की मानें, तो रक्षा मंत्री को इस बात की जानकारी दी गई कि सेना की ओर से अभी भी बातचीत का सिलसिला जारी रहेगा, ताकि एक महीने से जारी इस विवाद को सुलझाया जा सके।
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