आफताब फारुकी
नई दिल्ली। भारत-चीन सीमा पर हालिया घटनाक्रम की पृष्ठभूमि में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को सर्वदलीय बैठक बुलाई जिसमें अलग-अलग पार्टियों के नेता ऑनलाइन शामिल हुए। समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक़ सर्वदलीय बैठक में प्रधानमंत्री ने कहा कि ना कोई हमारे क्षेत्र में घुसा है और ना किसी पोस्ट पर क़ब्ज़ा किया है। इस बैठक में पीएम मोदी ने कहा कि भारत शांति और दोस्ती चाहता है लेकिन वो अपनी संप्रभुता के साथ कोई समझौता नहीं करेगा।
समाचार एजेंसियों के मुताबिक़, इस बैठक में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ”अभी तक जिनसे कोई सवाल नहीं करता था, जिन्हें कोई नहीं रोकता था, अब हमारे जवान उन्हें कई सेक्टर्स में रोक रहे हैं, चेतावनी दे रहे हैं।” समाचार एजेंसी एएनआई ने सूत्रों का हवाला देते हुए ख़बर दी है कि इस बैठक में रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, ”कहीं कोई इंटेलिजेंस नाकाम नहीं हुआ।” बताते चले कि इसके पहले कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने सर्वदलीय बैठक में ये सवाल उठाया था कि क्या इस पूरे मामले में इंटेलिजेंस की तरफ़ से चूक हुई थी। सोनिया गांधी ने ये भी कहा कि एलएसी पर बातचीत के सारे अवसरों का इस्तेमाल करने में हम नाकाम रहे हैं और इसका नतीजा ये हुआ कि 20 जानों का नुक़सान हुआ। समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक़, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सर्वदलीय बैठक में कहा, ”भारत को टेलिकॉम, रेलवे, उड्डयन क्षेत्रों में चीन की फ़र्म्स को अनुमति नहीं देनी चाहिए।”
लेकिन प्रधानमंत्री के इस बयान के बाद कई सवाल उठने लगे हैं। अंग्रेज़ी अख़बार द हिंदू की डिप्लोमैटिक एडिटर सुहासिनी हैदर ने ट्वीट कर कहा है कि ”प्रधानमंत्री ये कहना चाहते हैं कि आज जहां चीनी सैनिक हैं वो सारी जगह उनका क्षेत्र है, हमारे सैनिक भारतीय क्षेत्र में मारे गए हैं या चीनी क्षेत्र में और विदेश मंत्रालय ने ये क्यों कहा कि चीन ने भारत की तरफ़ के एलएसी पर गलवान में कुछ निर्माण करने की कोशिश की थी?”
वही इंडियन एक्सप्रेस के तरफ से भी बयान आया है इण्डियन एक्सप्रेस के सुशांत सिंह ने ट्वीट करते हुवे बड़ा सवाल प्रधानमंत्री के बयान पर किया है। उन्होंने ट्वीट क्या है जिसमे लिखा है कि ”20 सैनिक मारे गए, 76 घायल हैं, 10 बंदी बनाए गए थे। किसलिए?”
सामरिक मामलों के जानकार ब्रह्म चेल्लाणी ने भी ट्वीट के माध्यम से प्रधानमन्त्री के बयान पर अपनी राय दिया है। उन्होंने ट्वीट में कहा है कि ”क्या मोदी का ये बयान इस बात की ओर इशारा देता है कि भारत ने गलवान घाटी में चीन के जबरन यथास्थिति में बदलाव को स्वीकार कर लिया है?”
बहरहाल, इस बीच देश की जनता में चीन को लेकर काफी रोष है। जगह जगह करीब करीब हर शहर में ही चीन का पुतला फुका जा रहा है। वही चीनी सामानों के बहिष्कार की भी बात सामने आ रही है। लोग चीनी सामानों का बहिष्कार कर रहे है और तो और चीन के सॉफ्टवेयर तक को अपने मोबाइल से अनस्टाल कर रहे है।
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