आदिल अहमद
नई दिल्ली। राज्यसभा चुनावों के परिणाम आज घोषित हो गए है। देर रात आये चुनाव परिणामो पर नज़र डाले तो भाजपा को पिछले चुनाव के मुकाबले एक सीट का नुक्सान उठाना पड़ा है। वही आन्ध्र प्रदेश में वाईएसआर कांग्रेस ने सुपडा साफ़ करते हुवे सभी चार सीट अपनी झोली में डाली। इससे पहले राज्यसभा की 19 सीटों में आंध्रप्रदेश की चार, गुजरात की चार, मध्यप्रदेश में तीन, राजस्थान में तीन, झारखंड में दो और मणिपुर, मिजोरम और मेघालय में एक-एक सीट पर मतदान संपन्न हुआ।
मध्यप्रदेश : मध्यप्रदेश से राज्यसभा की तीन सीटों के चुनाव के लिये भाजपा ने पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और सुमेर सिंह सोलंकी को उम्मीदवार बनाया था जबकि कांग्रेस की ओर से पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और वरिष्ठ दलित नेता फूल सिंह बरैया उम्मीदवार थे। ज्योतिरादित्य सिंधिया को 56, सुमेर सिंह को 55 और दिग्विजय सिंह को 57 मत मिले। इसके अलावा बरैया को 36 मत मिले और दो मत निरस्त किए गए। इस प्रकार दिग्विजय सिंह सबसे अधिक मत पाने वाले उम्मीदवार बने। इस चुनाव में जहा कांग्रेस के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह ने जीत हासिल किया वही भाजपा के ज्योतिरादित्य सिंधिया और सुमेर सिंह को जीत हासिल हुई।
आंध्र प्रदेश : आंध्र प्रदेश में चारों रिक्त सीटों के लिए वाईएसआर कांग्रेस ने अपने उम्मीदवार मैदान में उतारे थे और चारों सीटों पर पार्टी ने जीत दर्ज की। 175 सदस्यीय विधानसभा में 151 विधायकों की संख्या बल के साथ सभी सीटों पर उसका आराम से जीतना तय था। तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) ने भी अपना प्रत्याशी मैदान में उतारा था जिसके कारण चुनाव कराने पड़े थे।
राजस्थान : राजस्थान से राज्यसभा की तीन सीटों के लिए मतदान हुआ था। कांग्रेस ने के सी वेणुगोपाल और नीरज डांगी को मैदान में उतारा था जबकि भाजपा ने राजेंद्र गहलोत और ओंकार सिंह लखावत को उम्मीदवार बनाया था। कांग्रेस से वेणुगोपाल और डांगी जीते वहीं, भाजपा से गहलोत ने जीत दर्ज की और लखावत को हार का सामना करना पड़ा। अब राज्य में कांग्रेस के राज्यसभा सांसदों की संख्या तीन हो गई है वहीं कुल 10 में से सात भाजपा के हैं।
झारखंड : राज्यसभा की दो सीटों के लिए चुनावी मैदान में सत्ताधारी झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के अध्यक्ष शिबू सोरेन के अलावा मुख्य विपक्षी भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश और कांग्रेस के शहजादा अनवर उम्मीदवार थे। यहां सोरेन और प्रकाश ने जीत हासिल की जबकि कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा। यहां दीपक प्रकाश को सबसे ज्यादा 31 मत मिले। वहीं, सोरेन को 30 तो शहजादा अनवर को केवल 18 मत प्राप्त हुए। बता दें कि राज्य की दोनों सीटें निर्दलीय परिमल नाथवानी और राष्ट्रीय जनता दल के प्रेमचंद्र गुप्ता का कार्यकाल पूरा होने से रिक्त हुई थीं।
गुजरात : गुजरात में राज्यसभा की चार सीटों के लिए कांग्रेस और भाजपा के बीच कांटे की टक्कर थी। दोनों ही पार्टियों में से किसी के पास भी पूर्ण संख्या नहीं थी। भाजपा ने चार सीटों के लिए तीन उम्मीदवार उतारे थे, वहीं कांग्रेस ने दो उम्मीदवारों को टिकट दिया था। गुजरात में भाजपा ने रमीलाबेन बारा, नरहरि अमीन, अभय भारद्वाज को टिकट दिया था। इन तीनों ने जीत हासिल की। वहीं, कांग्रेस के एक प्रत्याशी शक्ति सिंह गोहिल जीते तो दूसरे प्रत्याशी भरत सिंह सोलंकी को हार का मुह देखना पड़ा।
मेघालय : मेघालय डेमोक्रेटिक अलायंस (एमडीए) ने राज्य से राज्यसभा की एकमात्र सीट के लिए एनपीपी के प्रदेश अध्यक्ष डब्ल्यूआर खरलुखी का नाम सामने रखा था, जिन्होंने जीत दर्ज की। वहीं विपक्षी कांग्रेस ने पूर्व विधायक कैनेडी खीरीयम को मैदान में उतारा था, जिन्हें हार का सामना करना पड़ा। 60 सदस्यीय मेघालय विधानसभा में कांग्रेस के 19 विधायक हैं।
मणिपुर : मणिपुर में सत्तारूढ़ गठबंधन के नौ सदस्यों के इस्तीफे के कारण स्थिति पेचीदा हो गई थी, लेकिन परिणाम भाजपा के पक्ष में आया है। भाजपा ने यहां की एक सीट पर लीसेम्बा सानाजाओबा को और कांग्रेस ने टी मंगी बाबू को उम्मीदवार बनाया था। लीसेम्बा ने 28 मतों से जीत हासिल की। बता दें कि उपमुख्यमंत्री वाई जॉयकुमार सिंह, आदिवासी एवं पर्वतीय क्षेत्र विकास मंत्री एन कायिशी, युवा मामलों और खेल मंत्री लेतपाओ हाओकिप और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री एल जयंत कुमार सिंह ने बुधवार को मंत्री पदों से इस्तीफा दे दिया था। इसके अलावा, भाजपा विधायक एस सुभाषचंद्र सिंह, टीटी हाओकिप और सैमुअल जेंदई ने विधानसभा और पार्टी से इस्तीफा दिया था।
मिजोरम : मिजोरम में राज्यसभा की एक सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला था। सत्तारूढ़ मिजो नेशनल फ्रंट (एमएनएफ) के उम्मीदवार कनललवेना ने 39 में से 27 वोट हासिल कर जीत दर्ज की। जबकि जोरम पीपुल्स मूवमेंट (जेडपीएम) ने बी लालछनजोवा और कांग्रेस ने लल्लिंछुंगा को मात्र सात वोट से संतोष करना पड़ा। वहीं, कांग्रेस के उम्मीदवार लल्लियानचुंगा को महज पांच वोट मिले। 40 सदस्यों वाली मिजोरम विधानसभा में एमएनएफ के 27 सदस्य हैं जबकि जेडपीएम के सात, कांग्रेस के पांच और भाजपा का एक विधायक है।
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