तारिक आज़मी
मशहूर शायर राहत इन्दौरी के कलाम “हमारे मुह से जो निकले वही सदाकत है, हमारे मुह में तुम्हारी ज़बान थोड़ी है।” शायद मौजूदा हालात में ये शेर काफी कुछ निष्पक्ष पत्रकारिता कर रहे लोगो पर काफी लागू हो जाता है। वरिष्ठ पत्रकार विनोद दुआ पर कायम हुवे एक मुक़दमे के बाद आज रविवार को सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में पड़ी याचिका पर सुनवाई किया। सुनवाई के दौरान विनोद दुआ की ओर से पूर्व एडिशनल सॉलिसिटर जनरल और सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील विकास सिंह पेश हुए।
बहरहाल, गिरफ़्तारी से बचने के लिए विनोद दुआ ने सुप्रीम कोर्ट का रुख़ किया था। सुप्रीम कोर्ट ने रविवार को विशेष सुनवाई करते हुए जांच पर रोक लगाने से तो इनकार कर दिया और दुआ को जांच में सहयोग करने को कहा है। मगर साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने गिरफ़्तारी पर अगली सुनवाई तक रोक लगा दिया है। कोर्ट ने कहा है कि हिमाचल प्रदेश पुलिस 24 घंटे के नोटिस के बाद उनके घर की जांच भी कर सकती है। जस्टिस यूयू ललित की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय बेंच इस मामले की अगली सुनवाई 6 जुलाई को करेगी।
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