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आज की बड़ी खबर – कलम की हुई जीत, सुप्रीम कोर्ट ने लगाई पत्रकार विनोद दुआ की गिरफ़्तारी पर रोक, अगली सुनवाई 6 जुलाई

तारिक आज़मी

मशहूर शायर राहत इन्दौरी के कलाम “हमारे मुह से जो निकले वही सदाकत है, हमारे मुह में तुम्हारी ज़बान थोड़ी है।” शायद मौजूदा हालात में ये शेर काफी कुछ निष्पक्ष पत्रकारिता कर रहे लोगो पर काफी लागू हो जाता है। वरिष्ठ पत्रकार विनोद दुआ पर कायम हुवे एक मुक़दमे के बाद आज रविवार को सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में पड़ी याचिका पर सुनवाई किया। सुनवाई के दौरान विनोद दुआ की ओर से पूर्व एडिशनल सॉलिसिटर जनरल और सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील विकास सिंह पेश हुए।

अधिवक्ता विकास सिंह ने जाँच पर ही रोक लगाने की याचिका दायर किया था। इस याचिका पर आज रविवार को बेहद दुर्लभ मामलों में ही सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई देखी गई है जो आज हुई। विनोद दुआ की ओर से पूर्व एडिशनल सॉलिसिटर जनरल और सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील विकास सिंह पेश हुए। विकास सिंह ने एफ़आईआर पर रोक लगाने की मांग करते हुए तुरंत राहत की मांग की। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश इस समय पूरी तरह इंस्टिट्यूशनल क्वारंटीन है और दुआ पर देशद्रोह के आरोप लगाए गए हैं जो साबित करता है कि मूलभूत अधिकार पूरी तरह छीन चुका है। सुप्रीम कोर्ट ने दुआ के वकील विकास सिंह से पूछा की शिकायतकर्ता कौन है तो उन्होंने जवाब दिए कि वो बीजेपी प्रवक्ता हैं।

इसके बाद जस्टिस यूयू ललित की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय बेंच ने पत्रकार विनोद दुआ को बड़ी राहत देते हुवे उनकी गिरफ़्तारी पर 6 जुलाई तक रोक लगा दी है। साथ ही केंद्र और हिमाचल प्रदेश सरकार को नोटिस जारी कर उनसे दो सप्ताह में जवाब मांगा है। बताते चले कि विनोद दुआ पर अपने यूट्यूब वीडियो के ज़रिए सांप्रदायिक सद्भाव बिगाड़ने के आरोप में राजधानी दिल्ली और हिमाचल प्रदेश में एफ़आईआर दर्ज की गई है। इस प्रकरण में पत्रकार विनोद दुआ पर गिरफ़्तारी का खतरा बना हुआ था। साथ ही साथ पत्रकार जगत में इस प्रकरण को लेकर काफी रोष भी उत्पन्न था।

बहरहाल, गिरफ़्तारी से बचने के लिए विनोद दुआ ने सुप्रीम कोर्ट का रुख़ किया था। सुप्रीम कोर्ट ने रविवार को विशेष सुनवाई करते हुए जांच पर रोक लगाने से तो इनकार कर दिया और दुआ को जांच में सहयोग करने को कहा है। मगर साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने गिरफ़्तारी पर अगली सुनवाई तक रोक लगा दिया है। कोर्ट ने कहा है कि हिमाचल प्रदेश पुलिस 24 घंटे के नोटिस के बाद उनके घर की जांच भी कर सकती है। जस्टिस यूयू ललित की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय बेंच इस मामले की अगली सुनवाई 6 जुलाई को करेगी।

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